काले धन को सफेद करने वाला नेताओं का करीबी गिरफ्तार

नई दिल्ली, प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉड्रिंग मामले में गगन धवन नामक एक शख्स को गिरफ्तार किया है। इसने फर्जी दस्तावेज के ज़रिये बैंकों को हज़ारों करोड़ रुपये का चूना लगाया है। गगन नेताओं का करीबी बताया जा रहा है। गगन पर 5 हज़ार करोड़ रुपये के एक घोटाले के तहत गिरफ्तार किया गया है। गगन धवन पर कई नौकरशाहों और नेताओं के काले धन को सफेद में बदलने का आरोप लगा है। ईडी ने अगस्त में गगन धवन और दिल्ली के एक पूर्व विधायक के ठिकानों पर छापेमारी की थी, और गगन धवन का नाम सीबीआई की संदेसारा ग्रुप की एफआईआर में भी है।
इन अफसरों के नाम
जांच एजेंसियों को धवन से कई नौकरशाहों को लाखों रुपये का भुगतान किए जाने से जुड़े दस्तावेज़ भी मिले हैं, जिनमें भारतीय राजस्व सेवा के अफसर सुभाष चंद्रा को 30 लाख रुपये दिए जाने से जुड़ा दस्तावेज भी शामिल हैं। इसके अलावा आईएएस मानस शंकर रे को 40 लाख रुपये दिए जाने का दस्तावेज़ मिले हैं। इस मामले में दिल्ली पुलिस के कई बड़े अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। गगन धवन को 2 बजे के बाद पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां उसे पूछताछ के लिए रिमांड पर दिए जाने की मांग की जाएगी।

हवाला सौदों से संबंधित
अहमदाबाद, कारोबारी गगन धवन की गिरफ्तारी का मामला गुजरात की एक फार्मा कंपनी और कुछ अन्य हवाला सौदों से संबंधित है। बताया जा रहा है कि गगन धवन की गिरफ्तारी के साथ जो दस्तावेज बरामद किए गए हैं, धवन का नाम गुजरात की कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड केस में सामने आया था। सीबीआई ने कंपनी पर धोखाधड़ी के मामले में तमाम दस्तावेज जब्त किए थे, जिसमें गगन धवन का नाम भी सामने आया था। इस कंपनी के खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गगन धवन को बुधवार सुबह मनी लॉन्ड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) की धाराओं में गिरफ्तार किया गया है। धवन को हिरासत के लिए अदालत में पेश किया जाएगा। बता दें कि आपराधिक शिकायत के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय धवन द्वारा आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को रिश्वत देने के कथित आरोपों की जांच कर रहा था। उसने अगस्त में दिल्ली में धवन और एक पूर्व कांग्रेस विधायक के परिसरों पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने हाल में स्टर्लिंग बायोटेक और उसके निदेशकों चेतन जयंतीलाल संदेसरा, दीप्ति चेतन संदेसरा, राजभूषण ओमप्रकाश दीक्षित, नितिन जयंतीलाल संदेसरा और विलास जोशी, चार्टर्ड अकाउंटेंट हेमंत हाथी, आंध्रा बैंक के पूर्व निदेशक अनूप गर्ग और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ कथित बैंक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।

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