नई दिल्ली,जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 35-ए पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के लिए टाल दिया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा और समय मांगने पर सुनवाई को फिलहाल टाल दिया । केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने हलफनामा देकर कहा कि घाटी में शांति स्थापित करने के लिए केंद्र की ओर से मध्यस्थ नियुक्त किया गया है और इस पर किसी भी तरह को कोई फैसला सरकार के शांति प्रयासों में बाधा उत्पन्न करेगा। इसलिए सरकार का पक्ष रखने के लिए समय दिया जाए।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मामला पांच जजों की संविधान पीठ को भेजे जाने का इशारा किया था। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में संवैधानिकता को चुनौती दी गई है इसलिए संविधान पीठ को मामला सुनना चाहिए। हालांकि इस दौरान केंद्र सरकार ने अपना रुख साफ करने से इंकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट एक गैर सरकारी संगठन ‘वी द सिटिजन’ की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है। याचिका में अनुच्छेद-35ए की संवैधानिक वैघता को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद-35ए और अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है, लेकिन ये प्रावधान उन लोगों के साथ भेदभावपूर्ण है जो दूसरे राज्यों से आकर वहां बसे हैं। ऐसे लोग न तो वहां संपत्ति खरीद सकते हैं और न ही सरकारी नौकरी प्राप्त कर सकते हैं।