अहमदाबाद, गुजरात कांग्रेस ने आज पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) की प्रमुख मांगें स्वीकार कर लीं, जिसमें राजद्रोह समेत पाटीदारों पर केस वापस लेना, आंदोलन के मारे गए युवकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देना और सरकारी नौकरी देना, दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग शामिल है. जबकि आरक्षण के मुद्दे को टेकनिकल बताते हुए कांग्रेस ने पास को आश्वस्त किया कि वह इस बारे में संविधान विशेषज्ञों से परामर्श करेगी.
पास नेता हार्दिक पटेल के अल्टीमेटम के बाद हरकत में आई कांग्रेस ने आज पास नेताओं के साथ बैठक की. गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी, चुनाव समिति के अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल और अर्जुन मोढवाडिया की पास नेता दिनेश बांभणिया, अल्पेश कथीरिया, ललित वसोया, उदय पटेल, किरीट पटेल, गीता पटेल, हर्षद पटेल, अतुल पटेल और मनोज पनारा के साथ तीन घंटे से भी लंबे समय तक बातचीत हुई. बैठक के बाद भरतसिंह सोलंकी और सिद्धार्थ पटेल ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि पास की ज्यादातर मांगों पर सहमति बन गई है. जिसके मुताबिक कांग्रेस के सत्ता में आने पर जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही, पाटीदारों के खिलाफ राजद्रोह समेत अन्य मामले वापस लेने, अगड़ी जाति आयोग की संवैधानिक दर्जे के साथ स्थापना, शिक्षा, स्कील डेवलपमेंट और स्वरोजगार के लिए रु. 2000 करोड़ का प्रावधान, आंदोलन के दौरान मारे गए पटेल युवकों के परिजनों को रु. 35 लाख की आर्थिक सहायता के साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. हांलाकि आरक्षण के मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई. कांग्रेस नेताओं ने इसे टेकनिकल मुद्दा बताते हुए कहा कि इस बारे में संविधान विशेषज्ञों से परामर्श किया जाएगा.कांग्रेस नेताओं ने कहा कि गैर आरक्षित वर्ग को आरक्षण देने के लिए कानूनी तौर पर विचार-विमर्श करने के बाद फिर एक बार बैठक होगी.