अहमदाबाद,अहमदाबाद के सरदार पटेल हॉस्पिटल ट्रस्ट से कांग्रेस नेता अहमद पटेल के इस्तीफे के बाद अस्पताल का ऐफिडेविट सामने आया है। ऐफिडेविट में कहा गया है कि अहमद पटेल और उनके परिवार के सदस्यों का अब अस्पताल से कोई लेना-देना नहीं है। इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा कि गुजरात में हार की संभावना से घबराई भाजपा इस बेबुनियाद मामले को चुनावी मुद्दा बनाने का प्रयास कर रही है।
अस्पताल से पटेल के इस्तीफे के बाद यह ऐफिडेविट जारी किया गया था कि बतौर अस्पताल ट्रस्टी उनका नाम हटा दिया गया है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने शुक्रवार को मोहम्मद कासिम स्टिंबरवाला के साथ कथित संबंधों की वजह से पटेल के राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफे की मांग की थी। कासिम को गुजरात आतंक-रोधी दस्ते ने बुधवार को सूरत से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार युवक अहमदाबाद में कथित रूप से यहूदियों के पूजा स्थल को उड़ाने की साजिश रच रहा था। रूपाणी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी इस मसले पर जवाब मांगा था।
रूपाणी के आरोपों को अहमद पटेल ने पूरी तरह खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि वह अस्पताल से सन 2014 में ही इस्तीफा दे चुके थे। भाजपा इस मुद्दे पर लगातार पटेल के प्रति आक्रामक रूख अपनाए हुए है। रूपाणी के आरोपों के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया वह गुजरात चुनाव में हार से बचने के लिए इसे मुद्दा बनाते हुए राज्यसभा सांसद अहमद पटेल पर आतंकवादियों से संबंधों का आरोप लगा रही है। कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने कहा भाजपा गुजरात में हार की संभावना से डर रही है। इस लिए वह इसे मुद्दा बनाने का प्रयास कर रही है।”उन्होंने कहा भाजपा कांग्रेस सांसद के खिलाफ षड्यंत्र रच रही है, जबकि भाजपा को अपने अंदर झांकने की जरूरत है।
सुरजेवाला ने कहा सरदार पटेल अस्पताल एक चैरिटेबल अस्पताल है, जिसमें 150-200 कर्मचारी काम करते हैं। वर्तमान में अहमद पटेल या उनके परिवार का कोई भी सदस्य इसका ट्रस्टी नहीं है। वे अस्पताल से होने वाले किसी फायदे से भी नहीं जुड़े हैं। स्टिंबरवाला वहां एक कर्मचारी था। उन्होंने कहा कि अगर संदिग्ध आतंकवादी के खिलाफ सबूत हैं, तो एटीएस को इसकी जांच करनी चाहिए। प्रवक्ता ने कहा, “गुजरात के मुख्यमंत्री ने अपनी अक्षमता छुपाने के लिए कांग्रेस नेता अहमद पटेल के खिलाफ साजिश रचने की कोशिश की है, जो घृणित है। पटेल के खिलाफ आरोप आधारहीन हैं।”