सोलापुर,महाराष्ट्र में कर्ज माफी की घोषणा के बाद जून माह से लेकर सितंबर माह तक लगभग 991 किसानों ने आत्महत्या कर ली है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा कर्ज माफी की घोषणा करने के बाद भी यदि इतने बड़े पैमाने पर किसान आत्महत्या कर रहे हैं| तो इसका एक ही कारण हो सकता है, कि उन्हें सरकार के ऊपर विश्वास नहीं है| उनसे कर्ज वसूली के लिए अभी भी बैंकों द्वारा कड़ाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विदर्भ क्षेत्र में किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा सबसे ज्यादा है। पिछले 4 माह में विदर्भ में 455 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है। इस स्थिति को देखते हुए महाराष्ट्र में एक बार फिर किसान आंदोलन की रूपरेखा तय की जा रही है। 2 नवंबर से राज्य में किसान आंदोलन करने के लिए बाध्य हो रहे हैं। यह आंदोलन पिछले आंदोलन की तुलना में ज्यादा उम्र हो सकता है। शेतकारी आक्रोश कृति समिति ने शनिवार को पुणे में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सरकार को चेतावनी दी है कि इस आंदोलन में पुणे, अहमदनगर, नाशिक और धुले जिले के सभी किसान इसमें शामिल होंगे। किसान संगठननकर्ज माफी को लेकर अपना आंदोलन तेज करेंगे।