इन्दौर,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने शुक्रवार को इन्दौर में कहा कि देश को बड़ा बनाना, किसी अकेले के बूते का काम नहीं है। उन्होंने विकास को सरकार के बजाय समाज की जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि विकास सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं हो सकता। संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि हिन्दुस्तान की धरती पर पैदा होने वाला हर व्यक्ति हिन्दू है। भारत माता का हर बेटा हमारा अपना है। यह हिन्दुस्तान हर एक हिन्दुस्तानी का है जो इसे अपना देश मानता है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत आज सायं इन्दौर के चिमनबाग मैदान पर महाविद्यालयीन छात्रों के ‘शंखनाद कार्यक्रम’ को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में आरएसएस के अशोक सोहनी, लक्ष्मणराव नवाथे, राजेश मेहता सहित कई महाविद्यालयों व शिक्षण संस्थाओं के प्रमुख व हजारों विद्यार्थी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उद्देश्य संगठन की लोकप्रियता नहीं, बल्कि सम्पूर्ण समाज को संगठित करने के लिए काम करना है। उन्होंने कहा कि देश को बड़ा बनाना किसी अकेले के बूते का काम नहीं है। यह परिवर्तन का मामला है और हमें सकारात्मक बदलाओं के लिए पूरे समाज को तैयार करना होगा। संघ प्रमुख ने कहा कि पुराने समय में लोग विकास के लिए भगवान की ओर देखते थे, लेकिन कलियुग में विकास के लिए लोग सरकार को देखते है। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार उतनी ही दूर चलती है, जिनती समाज की दौड़ होती है। संघ प्रमुख भागवत ने कहा कि समाज से ही सरकार चलती है, डंटों से कहीं परिवर्तन नहीं हो सकता। सरकार, समाज की सेवा जरूर कर सकती है लेकिन समाज में परिवर्तन नहीं ला सकती। समाज जब खुद में परिवर्तन लाता है, तो यही परिवर्तन सरकार और व्यवस्थाओं में ”प्रतिबिंबित” होता है। उन्होंने विकास के लिए सरकार की ओर देखने के बजाए नागरिकों से खुद आगे आकर कदम उठाने की अपील भी की।
भागवत ने कहा कि अगर देश को परमवैभव सम्पन्न और विश्व गुरू बनाना है, तो समाज के आचरण और नज़रिये में परिवर्तन लाना होगा और इसके लिए सबसे पहली आवश्यकता भेद-भाव का विचार दिल से निकालना होगा और अपने स्वार्थों को त्यागना होगा।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमारे देश में अनेक विविधताओं के बाद भी एकता की प्राचीन संस्कृति जीवित है, जो सभी मनुष्यों को अपना परिवार का अंग मानती है। उन्होंने आगे कहा कि ‘जर्मनी जर्मन लोगों का देश है, ब्रिटेन ब्रितानियों का देश है, जापान जापानियों का देश है, अमेरिका अमेरिकियों का देश है। इसी तरह हिन्दुस्तान भी हिन्दुओं का देश है, इसका यह मतलब नहीं है कि हिन्दुस्तान दूसरे धर्म के लोगों का देश नहीं है। हिन्दू की परिभाषा में वो सभी लोग आते हैं जो भारत माता के पुत्र हैं, भारतीय पूर्वजों के वंशज हैं और भारतीय संस्कृति का अनुसरण करते है, सब हिन्दू ही कहलायेंगे। इसलिए इसे हिन्दुत्व कहा जाता है, हिंदूज़्म नहीं।