भोपाल,अब एमबीबीएस की परीक्षा उत्तीर्ण करना छात्रों के लिए सुविधाजनक होगा। छात्रों की परेशानी को देखते हुए एमबीबीएस कोर्स के प्रश्न पत्र में बीस फीसदी प्रश्न वस्तुनिष्ठ पूछे जाएंगे। आब्जेक्टिव सवालों की संख्या और बढाने पर भी विचार किया जा रहा है।यह निर्णय मप्र मेडिकल यूनिवर्सिटी ने लिया। यूनिवर्सिटी के कुलपित डॉ. आरएस शर्मा ने बताया कि अभी तक सभी सवाल निबंधात्मक होते थे, जबकि दूसरी परीक्षाओं में अब वस्तुनिष्ठ सवालों पर ज्यादा जोर है। एमडी-एमएस के लिए होने वाले ऑल इंडिया पोस्ट ग्रेज्युएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम (एआईपीजीएमईई) में भी आब्जेक्टिव सवाल ही पूछे जाते हैं।
लिहाजा कोर्स में आब्जेक्टिव सवाल होने से छात्रों को पीजी एंट्रेंस में भी सहूलितयत मिलेगी। दूसरा फायदा यह होगा कि उनके अंक अच्छे आएंगे।
वस्तुनिष्ठ सवाल सही होने पर पूरे-पूरे अंक उन्हें मिल जाएंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मूल्यांकनकर्ता छात्रों के साथ किसी तरह को भेदभाव नहीं कर पाएंगे। अभी एक ही तरह का उत्तर लिखने पर एक टीचर छात्र को अलग नंबर देता है। वही कापी दूसरे टीचर के पास जाती है तो स्कोर बदल जाता है। इस तरह की शिकायतें भी आती रहती हैं। दूसरा फायदा यह कि रि-वैल्युएशन व रि-काउंटिंग भी कम होगी। डॉ. शर्मा ने बताया कि फिलहाल 20 फीसदी सवाल आब्जेक्टिव किए गए हैं। बाद में 80 फीसदी सवाल वस्तुनिष्ठ व 20 फीसदी निबंधात्मक करने की तैयारी है। हालांकि, उन्होंने पाठ्यक्रम में किसी तरह के बदलाव से इंकार किया है। उन्होंने कहा पाठ्यक्रम तो एमसीआई ने तय किया है। छात्रों को उसी के अनुसार पढ़ाई करना होगी। यूनिवर्सिटी सिर्फ परीक्षा पैटर्न में बदलाव कर सकती है। डॉ. शर्मा ने बताया कि हाल में आयुर्वेद और होम्योपैथी बोर्ड की बैठक में बीएएमएस और बीएचएमएस परीक्षा में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। अभी तक छात्रों को सभी सवाल हल करने होते थे, लेकिन अब उन्हें विकल्प दिए जाएंगे।