लखनऊ,राम मंदिर मसले के हल में मदद करने के लिए इसके कई पक्षकारों ने आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर से संपर्क किया है। यह जानकारी खुद श्रीश्री रविशंकर ने दी है। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में मध्यस्थता के लिए तैयार हैं, लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं कर सके हैं। उन्होंने कहा, कुछ लोग मुझसे मिले हैं। अभी बात बस इतनी ही है। सभी लोग सकारात्मक ऊर्जा के साथ आए थे और लोग इस मसले का हल चाहते हैं। मैं मध्यस्थ बनने के लिए तैयार हूं। खबरों के अनुसार श्रीश्री रविशंकर से निर्मोही अखाड़ा और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कुछ सदस्य मिले हैं और उन्होंने आध्यात्मिक गुरु से यह अनुरोध किया है कि वह दोनों समुदायों के बीच लंबे समय से विवाद का विषय बने अयोध्या मसले को हल करने के लिए मध्यस्थता करें। रविशंकर ने बताया, अभी इस मामले में कुछ कहना बहुत जल्दबाजी होगी। मैं चाहता हूं कि इस मसले को सौहार्द्रपूर्ण तरीके से हल किया जाए। दोनों समुदायों को उदारता दिखानी चाहिए। जब उनसे यह सवाल किया गया कि क्या 2019 से पहले मंदिर विवाद के बारे में कोई बड़ी सफलता मिल सकती है, तो श्रीश्री रविशंकर ने कहा, मैं अभी कुछ अनुमान नहीं लगा सकता, लेकिन मैं केवल यह इच्छा जाहिर कर सकता हूं दोनों समुदाय साथ आएं और इस देश के लिए कुछ महान कार्य करें। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले को कोर्ट के बाहर सुलझाने की सलाह दी है. रामजन्म भूमि और बाबरी मस्जिद विवाद को कोर्ट के बाहर सुलझाने की कवायद भी शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च महीने में कहा था कि दोनों पक्ष आपस में मिलकर इस मामले को सुलझाएं। कोर्ट ने कहा था कि अगर जरूर पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट के जज भी मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। सूत्रों के अनुसार राम मंदिर मामले में संघ की तरफ से भी अब इस तरह के प्रयास शुरू किए जा रहे हैं। इसका मकसद है कि 2019 के चुनाव से पहले राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो सके, जिसका फ़ायदा परोक्ष रूप से मोदी और बीजेपी को मिले।