इस बार निकाय चुनाव में प्रत्याशी खर्च कर सकेंगे दोगुना पैसा,आयोग ने बढ़ाई चुनावी खर्च की सीमा

लखनऊ, महीनों पहले से निकाय चुनाव में ताल ठोंकने की तैयारी कर रहे प्रत्याशियों के लिए एक खुशखबरी आई है। राज्य निर्वाचन आयोग स्थानीय निकाय एवं पंचायत ने प्रत्याशियों द्वारा चुनाव के लिए खर्च की जाने वाली धनराशि को लगभग दोगुना कर दिया है। वहीं आयोग ने मतदान और मतगणना के दिन अपने समर्थकों और मतदाताओं को शराब परोसने के मंसूबों पर पानी भी फेर दिया है। आयोग ने मतदान के दिन पूरे जिले में 48 घण्टे तक तथा मतगणना के दिन पूरे प्रदेश में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
राज्य निर्वाचन आयोग स्थानीय निकाय एवं पंचायत के आयुक्त एसके अग्रवाल ने शुक्रवार को यहां बताया कि चुनाव की तारीखें तय करने के साथ प्रत्याशियों द्वारा चुनाव में प्रचार के लिए खर्च की जाने वाली धनराशि भी बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि दस साल बाद खर्च की सीमा में वृद्धि की गयी है। उन्होंने बताया कि जिन नगर निगमों में 80 या उससे अधिक वार्ड हैं वहां मेयर प्रत्याषी अब अपने चुनाव प्रचार में अब 25 लाख रूपए तक खर्च कर सकेंगे। पूर्व में यह सीमा 12 लाख 50 हजार रूपए थी। उन्होंने बताया कि लखनऊ व कानपुर ही सिर्फ दो ऐसे नगर निगम हैं जहां 80 से अधिक वार्ड हैं। इसी प्रकार जिन नगर निगमों में 80 से कम वार्ड हैं, वहां अब मेयर प्रत्याशी 20 लाख तक खर्च कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि इसी तरह पार्षद यानि सभासद के प्रत्याशी एक लाख से बढ़ाकर दो लाख रूपए कर दी गयी है। जबकि नगर पालिका परिषद में जहां 41 से 55 वार्ड हैं वहां चेयरमैन पद का प्रत्याशी अब आठ लाख रूपए खर्च कर सकेगा। पहले खर्च की यह सीमा चार लाख रूपए थी। वहीं जहां पर 25 से 40 वार्ड हैं वहां चेयरमैन पद का प्रत्याशी छह लाख रूपए खर्च कर सकेगा। पहले उसे चार लाख रूपए तक खर्च करने की छूट थी। इसी प्रकार सदस्य पद के प्रत्याशी अब 40 हजार की जगह एक लाख 50 हजार रूपए तक खर्च कर सकेंगे। जबकि नगर पंचायत में अध्यक्ष पद का प्रत्याशी एक लाख 50 हजार रूपए व सदस्य 30 हजार रूपए ही चुनाव पर खर्च कर सकेगा।
आयुक्त ने बताया कि जिस भी जिले में चुनाव होगा वहां मतदान के 48 घण्टे पहले से मतदान की समाप्ति तक पूरे जिले में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। जबकि मतगणना के दिन पूरे प्रदेश में शराब की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा मतदान के दिन जिले की सीमायें सील रहेंगी। यह बात पर नजर रखी जायेगी कि इस दौरान कौन आया और कौन गया। उन्होंने कहा कि मतदान के दिन अन्य जिलों के लोगों का जिला छोड़ना ही पड़ेगा।

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