अहमदाबाद,पास नेता हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर के समर्थन के चलते कांग्रेस ने खासकर ओबीसी सीटों पर उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया नए सिरे से शुरू की है. हार्दिक पटेल ने अपने उम्मीदवारों की सूची कांग्रेस की दी होने की चर्चा के बीच पाटीदारों के मामले में कांग्रेस में अलग से विचार विमर्श किया जा रहा है.
गुजरात में ओबीसी एकता मंच के कांग्रेस में प्रवेश के बाद बदले हुए राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों से राज्य में ठाकोर-कोली समेत पिछड़े जाति के प्रभुत्व वाली विधानसभा की कई सीटों पर उम्मीदवारों के नाम सिरे तय करने की कांग्रेस ने कवायद शुरू की है. गत सोमवार को गांधीनगर में जनादेश सम्मेलन के बाद मंगलवार को दिल्ली में हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में ठाकोर-कोली समेत पिछड़े जाति के वर्चस्व वाले उत्तर गुजरात, सौराष्ट्र से दक्षिण गुजरात तक के तटीय क्षेत्र की कई सीटों पर संभावित उम्मीदवारों के नाम पर पुनर्विचार किए जाने की जानकारी मिली है. महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाला थोराट की अध्यक्षता में बुधवार को हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में राज्य में 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी वाले ओबीसी समाज के साथ हुए समझौते के मुताबिक कम से कम 60 से 70 सीटों पर उम्मीदवार बदलने पर विचार किया गया. स्क्रीनिंग कमेटी ने प्रदेश चुनाव समिति के साथ परामर्श के बाद अलग अलग सर्वे के आधार पर पहले 182 सीटों में से 100 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार तय कर दिए थे. लेकिन ओबीसी एकता मंच के अल्पेश ठाकोर समेत अन्य नेताओं के कांग्रेस में प्रवेश के बाद हालात बदल गए हैं और पहले तय उम्मीदवार बदलना कांग्रेस की मजबूरी हो गई है.
जानकारों के मुताबिक कांग्रेस और एकता मंच के समझौते में उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र के पिछड़ी जाति के वर्चस्व वाली या राजनीतिक रूप से निर्णायक हों ऐसी 35 से 40 उम्मीदवारों के चयन में अल्पेश ठाकोर समेत नेताओं को विश्वास में लेकर उम्मीदवार तय किए जा सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक इन सीटों के लिए कांग्रेस ने जिन उम्मीदवारों का चयन किया था, उनके भी पिछड़ी जाति के होने से केवल चेहरे बदले जाने की संभावना है. टिकट के नाराज दावेदारों को मनाने के लिए कांग्रेस उन्हें कोई पद देने पर भी विचार सकती है. स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में उम्मीदवारों के चयन के बाद किसी भी सीट पर विरोध मुखर न हो इसका पूरा ऐहतियात बरता जा रहा है.