बीजिंग, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की पांच सालों में आयोजित होने वाली नेशनल कांग्रेस की बैठक में पार्टी की पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी (पीबीएससी) के सदस्यों की घोषणा कर दी गई है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले पांच सालों के लिए पार्टी के जनरल सेक्रेटरी चुन लिए गए हैं। वह अगले पांच सालों तक राष्ट्रपति की भूमिका निभाते रहेंगे।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने इस बार अपनी परंपरा के विपरीत जाते हुए हाल ही में संपन्न नेशनल कांग्रेस में अगले पांच सालों के लिए राष्टपति चुने गए शी जिनपिंग का कोई उत्तराधिकारी नहीं चुना है। प्रधानमंत्री ली क्विंग की नंबर दो स्थिति बरकरार रही है। राष्ट्रपति के रूप में पांच साल के लिए चुने जाने के साथ ही शी जिनपिंग चीन के सबसे मजबूत नेता के रूप में उभरे हैं। उम्मीद की जा रही है कि वह सन 2022 के बाद तक चीन के राष्ट्रपति की जिम्मेदारी निभाते रहेंगे।
सीपीसी सम्मेलन में शी जिनपिंग (64) और ली क्विंग (62) के अलावा ली झांशु (67), उप-प्रधानमंत्री वांग यांग (62), कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख सिद्धांतकार वांग हनिंग (62), पार्टी के संगठन विभाग के प्रमुख झाओ लेजी (60) और शंघाई पार्टी प्रमुख हान झोंग (63) को पीबीएससी में जगह दी गई है। इनमें से शी जिनपिंग और ली क्विंग ही पुराने सदस्य हैं। इस बार पीबीएससी में पांच नए सदस्यों को स्थान दिया गया है। इन नए सदस्यों को 68 साल की उम्र में रिटायर हुए सदस्यों के स्थान पर चुना गया है।
चीन के इस सबसे बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के बाद शी जिनपिंग और ली क्विंग पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी के नए सदस्यों के साथ मीडिया के सामने आए। बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल से इसका सीधा प्रसारण किया गया। चीनी राष्ट्रपति शी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा पिछले पांच वर्षों में हमने विस्तृत एजेंडा तय किया। इनमें से कुछ काम पूरे हो गये हैं, जबकि बाकी पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा चीनी समाजवाद नये युग में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने सन 2020 तक गरीबी खत्म करने की बात कही। उन्होंने कहा हम सतत आर्थिक विकास के प्रयास जारी रखेंगे। जिसका लाभ चीन समेत पूरी दुनिया को मिलेगा।
पांच साल में एक बार होने वाली इस कांग्रेस की सबसे खास बात यह रही सीपीसी ने सम्मेलन के अंतिम दिन शी जिनपिंग की विचारधारा को अपने संविधान में शामिल किये जाने को मंजूरी दे दी। मालूम हो कि अब तक पार्टी के संविधान में सिर्फ माओत्से तुंग और उनके उत्तराधिकारी देंग शिआयो पिंग की विचारधारा को ही जगह दी गई है। देंग के विचारों को उनकी मौत के बाद पार्टी संविधान में शामिल किया गया था। शी जिनपिंग के विचारों को संविधान में शामिल किए जाने से यह बात साफ हो गई कि वह माओ के बाद चीन के सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों में शुमार हो गए हैं।