मुंबई, दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर से पूछताछ में डॉन की दर्जन भर फर्जी कंपनियों का पता चला है। इससे लगता है कि आतंकी दाऊद कॉरपोरेट तरीका अपना रहा है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक फर्जी नामों से बनी शेल कंपनियों के जरिये वसूली की रकम विदेश भेजी जा रही थी। अब तक की पूछताछ में ऐसी दर्जन भर कंपनियों की जानकारी मिली है जिनका इस्तेमाल जबरन वसूली से मिली रकम को विदेश भेजने के लिए किया जाता रहा है। शेल कंपनी यानी ऐसी कंपनी जो फर्जी नाम और पते पर रजिस्टर्ड होती हैं, उसके डायरेक्टर और शेयर होल्डर भी फर्जी होते हैं और उसे बनाने का मकसद ही काले पैसे को सफेद करना होता है। इसका ज्यादातर व्यवहार सिर्फ कागजों पर होता है।
ठाणे पुलिस सूत्रों की माने तो डी कंपनी सिर्फ इन शेल कंपनियों के जरिये ही नहीं, हीरा ट्रेडिंग के जरिये भी पैसे विदेश में बैठे अपने आका के पास भेजती थी। ठाणे पुलिस की जांच में मुंबई के एक बड़े हीरा व्यापारी और सूरत के एक तत्कालीन कस्टम अधिकारी का नाम भी सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय इकबाल कासकर के खिलाफ पहले ही पीएमएलए के तहत जांच शुरू कर चुका है। अब उसके खिलाफ शिकंजा कसने के लिए ये शेल कंपनियां अहम सबूत साबित हो सकती हैं। इस बीच अदालत ने इकबाल कासकर और बाकी के आरोपियों की पुलिस हिरासत 4 नवंबर तक बढ़ा दी है।