लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने नए सिरे से अपनी पारी की शुरूआत कर दी है। इस दौरान वे न सिर्फ आक्रामक दिखीं बल्कि भावनात्मक रूप से भी लोगों को फिर से बसपा और स्वयं से जोड़ने की रणनीति अपनायी। निकाय चुनाव में ताल ठोंकने उतरी बसपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए मायावती ने यहां एक बड़ी रैली की। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ अपनी हत्या की आषंका जतायी बल्कि यहां तक कहा कि यदि हिन्दू धर्म के ठेकेदारों ने जात पात व धर्म के नाम पर दलितों का उत्पीडन बंद नहीं किया तो वह बौद्ध धर्म स्वीकार कर लेंगी। अपने करोडों समर्थकों के साथ उचित समय पर वह हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म की दीक्षा ले लेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर का दांव भी खेल सकती है।
मायावती ने मंगलवार को यहां रानी की सराय में आयोजित तीन मंडलों (आजमगढ़, बनारस, गोरखपुर) के कार्यकर्ता सम्मेलन में 90 से अधिक विधानसभा के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि आरएसएस के एजेंडे पर चलते हुए बीजेपी लगातार दलितों के उत्पीड़न के काम में लगी है। जिस तरह से बाबा साहब भीम राव अंबेडकर ने चेतावनी देकर हिन्दू धर्म की कुरीतियों से छुब्ध होकर 1956 में अपने समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार किया था उसी तरह उचित समय पर वह भी हिन्दू धर्म का त्यागकर अपने करोड़ों समर्थकों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा लेंगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि संघ हमेशा से ही आरक्षण और दलितों के खिलाफ रही है अब संघ के एजेंडे पर काम करते हुए भाजपा सरकार लगातार दलितों का उत्पीड़न कर रही है, बीजेपी आरक्षण को खत्म करना चाहती है। उसी एजेंडे के तहत एससी व एसटी के लिए प्रोन्नति में आरक्षण के मामले पर भाजपा कोई कदम नहीं उठा रही है।
बसपा नेत्री मायावती ने बीजेपी पर उनकी हत्या की साजिश का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि सहारनपुर के शब्बीरपुर में दलितों के दर्जनों घर जलकर खाक होने के बाद यह साजिश रची गई। इसके तहत मेरे वहां पहुंचने पर आंदोलन कर रहे बसपाईयों के साथ कुछ अराजक तत्वों द्वारा खूनी संघर्ष कराए जाने की साजिश रची गई थी। जिसमें मेरे समर्थकों के साथ ही मेरी भी हत्या कर दी जाती। इसी साजिश के तहत मेरे कार्यक्रम के दौरान वहां हेलीकाप्टर उतरने की परमीशन नहीं दी गई ताकि मै सड़क मार्ग से वहां पहुचूं। यही नहीं वहां महाराणा प्रताप जयंती कार्यक्रम में फूलन देवी की हत्या करने वाले शेरसिंह राणा को मुख्य अतिथि बनाया गया था।
इस दौरान मायावती ने एक बार फिर पृथक पूर्वांचल राज्य का पांसा फेंका। उन्होंने कहा कि मैने अपने शासनकाल में अलग पूर्वांचल राज्य बनाने के लिए प्रस्ताव केंद्र को भेजा लेकिन कुछ नहीं हुआ। अलग राज्य बने बिना पूर्वांचल का विकास संभव नहीं है। आम जनता ने सोचा कि पूर्वांचल के योगी आदित्यनाथ सीएम बन गए हैं अब शायद इस क्षेत्र का विकास हो लेकिन उन्हें पूजा पाठ से फरसत मिले तब तो पूर्वांचल के विकास के बारे में सोंचें। वो तो कभी गोरखधाम में तो कहीं अयोध्या में घूम घूमकर पूजा पाठ में ही व्यस्त हैं। बीजेपी के सभी नेता सिर्फ बयानबाजी में आगे हैं काम में नहीं। मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जितने भी वादे किए थे साढे तीन साल बाद भी एक भी काम जमीन पर नहीं आया। इसलिए मोदी सरकार अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए कुछ भी कर सकती है। बीजेपी अयोध्या में मंदिर बनवा सकती है, सर्जिकल स्ट्राइक कर सकती है, दाउद से सांठ गांठ करके उसे भारत वापस ला सकती है। लेकिन याद रखना इसमें से कुछ भी हो आपको कुछ मिलने वाला नहीं है। मंदिर आपको रोटी नहीं देगी वह आपकी गरीबी दूर नहीं करेगी। मंदिर बन जाने पर चढावा चढाने से आपकी जेब हल्की होगी वह अलग। ऐसे कई हवा हवाई काम कर सकती है इसलिए जनता को आगाह करना भी हमारा काम है।