सूरत, बड़ोदरा की एक युवती ने जैन मुनि शांति सागर पर दुष्कर्म के आरोप लगाए थे। उसके बाद न्यायालय द्वारा उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। जेल जाने के बाद से 9 दिन में उन्होंने केवल चार केले जेल में खाए हैं। शुक्रवार से उन्होंने जल ग्रहण करना भी छोड़ दिया है। लगातार 72 घंटे तक अन्न, जल और फल का त्याग करने से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। जेल प्रशासन ने अधिवक्ता नीलेश शाह से आरोपी शांतिसागर से बात करने को कहा। शांतिसागर ने कहा कि मैं भूख हड़ताल पर नहीं हूं। यह हमारे साधु जीवन का एक हिस्सा है। जेल में रहते हुए भी वह अपने साधु धर्म का पालन कर रहे हैं। उन्होंने जेल प्रशासन को जानकारी दी, कि साधु जीवन धारण करने के बाद वह कई – कई दिनों तक अन्न और जल नहीं लेते हैं। वह किसी किस्म की कोई हड़ताल नहीं कर रहे हैं। बहरहाल, लगातार अन्न, जल और फल का त्याग करने से जेल प्रशासन हैरत में है। जेल प्रशासन ने जिला प्रशासन और न्यायालय को भी उक्ताशय की सूचना दी है।