नई दिल्ली,अब तक के सबसे बड़े हाइवे डिवेलपमेंट प्लान को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इस प्लान के तहत 2022 तक सड़कों का विस्तार 83 हजार किलोमीटर तक किया जाना है, जिसमें 6.9 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस प्लान में 28,400 किलोमीटर के भारतमाला हाइवे प्रोग्राम को भी शामिल किया गया है, जो देश के बॉर्डर वाले इलाकों को कनेक्ट करेगा। देश के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर तैयार करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इस प्लान का मूल उद्देश्य ट्रैफिक फ्लो को बढ़ाना और बड़े हाइवे पर चार लेन की सड़क मुहैया कराना है। बताया जा रहा है कि सड़कों की खराब हालत के चलते कोई भी ट्रक रोजाना 250-300 किलोमीटर का सफर तय करता है, जबकि विकसित देशों में यह फासला 700-800 किलोमीटर है। सरकार के इस प्लान पर काम कर रहे एक अधिकारी ने बताया, नए हाइवे डिवेलपमेंट प्लान का मकसद अच्छी सड़कें बनाना और रसद लागत को कम करने के लिए गतिशीलता में सुधार करना है। बेहतर रोड नेटवर्क और स्मार्ट टैग बेस्ड टोलिंग ट्रांसपोर्ट सेक्टर का नक्शा बदल देगा। आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह सरकार का सबसे बड़ा ऐलान है। मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो सालाना 10 हजार किलोमीटर के हाइवे के निर्माण में चार करोड़ श्रम दिवस पैदा करने की क्षमता है और इस बड़े हाइवे डिवेलपमेंट प्रोग्राम के जरिए सरकार यह संदेश भी दे सकती है कि सरकार रोजगार उपलब्ध कराने में फेल नहीं हुई है। इस प्लान में प्राइवेट फंडिंग की गुंजाइश कम है। इसमें 70 फीसदी काम सरकारी पैसे से होगा। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 10 हजार किलोमीटर का नेटवर्क तैयार करने के लिए डीपीआर भी तैयार कर ली है।