जयपुर,राजस्थान सरकार अपने अध्यादेश को लेकर आलोचना से घिर गई है। आलोचनाओं के बाद वसुंधरा राजे सरकार ने अपने अध्यादेश की समीक्षा के लिए एक पैनल के गठन की घोषणा कर दी है। प्रदेश सरकार ने मंत्रियों तथा सरकारी अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच से बचाने तथा मीडिया को ऐसे मामलों की रिपोर्टिंग से रोकने वाला एक अध्यादेश पारित किया था। इसकी चौतरफा आलोचनाओं से मुख्यमंत्री वसुंधरा ने सोमवार रात को बैठक बुलाई, जिसमें अध्यादेश की एक पैनल द्वारा समीक्षा कराए जाने का निर्णय लिया गया। कानून के मुताबिक मंज़ूरी लिए बिना किसी सरकारी अधिकारी के विरुद्ध कुछ भी प्रकाशित करने पर मीडिया को भी अपराधी माना जाएगा और पत्रकारों को इस अपराध में दो साल तक की कैद की सजा सुनाई जा सकती है।
चौतरफा विरोध तथा हाईकोर्ट में दाखिल की गईं दो याचिकाओं के बीच वसुंधरा सरकार ने सोमवार को इस अध्यादेश को विधानसभा में पेश कर दिया था। सदन में बहुमत रखने वाली भाजपा की योजना तीन दिन की चर्चा के बाद इस कानून को पारित कर देने की थी। अब संभव है कि इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया जाए।