चित्रकूट विधानसभा-उपचुनाव में प्रभात कुमारी का साथ देंगी बर्खास्त आईएएस कर्णावत

सतना, चित्रकूट विधानसभा-उपचुनाव में भाजपा कांग्रेस को चुनौती देने बर्खास्त आईएएस शशि कर्णावत भी मैदान में उतर गई है। इस उपचुनाव में कर्णावत की ओर से एक प्रत्याशी मैदान में रहेगा। इसके माध्यम से वह सरकार की नाकामियों को जनता के बीच जाकर बताएंगी। कर्णावत लल्लू सिंह गोंड की पुत्री प्रभात कुमारी सिंह के साथ नामांकन के आखिर दिन पर्चा दाखिल कराने पहुंची|
डकैतों के हाथों मारे गए लल्लू सिंह गोंड की पुत्री प्रभात कुमारी सिंह इस उपचुनाव में अपनी किस्मत आजमाने जा रही है। कर्णावत ने कहा कि प्रभात कुमारी सिंह उपचुनाव में हमारी उम्मीदवार होंगी और वह उन्हें अपना समर्थन देगी। साल 2009 मे मझगवां थाना क्षेत्र के विछियन गाँव मे डकैतो ने लल्लू सिंह गोड़ के परिवार के सात सदस्यों को जिन्दा जलाकर मार दिया था बाद मे डकैतो ने गोली मारकर लल्लू सिंह गोंड़ की भी हत्या कर दी थी। बताया जा रहा है ​कि लल्लू सिंह गोड़ के परिवार की एकमात्र जीवित सदस्य प्रभात कुमारी सिंह ने शिवराज सरकार की वादाखिलाफी से दुखी होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस विधान सभा क्षेत्र मे कोल आदिवासी व गोंड़ समाज के कोई 18 हजार मतदाता है, इसके अलावा कर्णावत का मैदान में डटकर दलित वर्ग को प्रभात कुमारी के लिए समर्थन जुटाने से सियासी समीकरण भी एक नया रंग दिखा सकता है।
कर्णावत का कहना है​ कि वह उपचुनाव के दौरान पूरे समय विधानसभा क्षेत्र में रहकर दलित वर्ग को सरकार की नाकामियां, तुष्टिकरण की राजनीति के बारे में बताएगी। कर्णावत ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों के खिलाफ ही मोर्चा खोल रखा है। इस कारण उन्होंने कहा कि दोनों ही पार्टियों ने हमेशा ही तुष्टिकरण की राजनीति की है और यही कारण है कि राजनीति मूलभूत सुविधाओं से ऊपर है। कर्णावत ने अपने को गरीबों का हिमायती बताने वाली सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार ने गरीब को आईना दिखाने के लिए गरीबों के घरों में लिखवा दिया है कि यह घर गरीब का है। उन्होंने कहा कि चुनाव में प्रशासनिक मशीनरी का किस तरह दुरूप्रयोग होता है। इससे वह वाकिफ है।
नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन कर्णावत ने सोमवार को प्रभात कुमारी सिंह के साथ कलेक्टर कार्यालय जाकर नामांकन दाखिल करवाया। कर्णावत का कहना है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां जातिवाद के नाम पर खेल खेल रही है। उन्हें आदिवासी और दलित वर्ग की कोई चिंता नहीं हैं। इसी कारण से उन्होंने आदिवासी समाज की पीडित युवती को समर्थन दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *