रांची,झारखंड में एक बार फिर से विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश शुरु हो गयी है। विपक्षी राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों को एक मंच पर लाने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने पहल शुरु कर दी है। इसी क्रम में 23 अक्टूबर को रांची में फिर से प्रमुख विपक्षी दलों और आदिवासी-मूलवासी संगठनों की बैठक बुलायी गयी है।
सुबोधकांत सहाय ने आज रांची में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सभी विपक्षी दलों के अलावा 400 से अधिक संगगनें ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाये है, कल की बैठक में भावी कार्यक्रमों की रुपरेखा और आंदोलनात्मक कार्यक्रम को अंतिम रुप दिया जाएगा।
इस मौके पर सुबोधकांत सहाय ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए सिमडेगा और धनबाद में भूख से हुई मौत को दुःखद बताते हुए कहा कि इस घटना से राज्य सरकार का असली चेहरा उजागर हो गया है। उन्होंने बताया कि केंद्र से आयी टीम को सिमडेगा नहीं जाने दिया और उसे नगड़ी और गुमला घूमला कर वापस लौटा दिया गया।इस मौके पर भाकपा के राज्य सचिव केडी सिंह ने भी राज्य सरकार की नीतियों को जनविरोधी करार देते हुए उग्र आंदोलन चलाने की बात कही।