देहरादून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को केदारनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने पांच योजनाओं का शिलान्यास किया। मोदी ने एक जनसभा को भी संबोधित किया। उन्होंने भाषण के दौरान गढ़वाली भाषा में भी बात की। मोदी ने कहा कि एक समय था, जब मैं यहां पर ही रहता था, लेकिन शायद प्रभु की इच्छा नहीं थी कि मैं हमेशा यहां पर ही रहूं। उन्होंने कहा कि बाबा ने एक बार फिर से मुझे अपनी शरण में बुलाया है। मोदी ने कहा कि 2013 में जब यहां आपदा आई थी, तब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और मैंने यहां के पुनर्निर्माण की अपील की थी। उन्होंने कहा कि यहां के सीएम ने तो हां कर दी थी, लेकिन दिल्ली की राजनीति में तूफान आ गया था। उन्होंने कहा कि तत्कालीन केन्द्र सरकार के दबाव के कारण उत्तराखंड सरकार ने गुजरात की मदद लेने से मना कर दिया था। लेकिन आज हमने जिन पांच परियोजनाओं का शिलान्यास किया है, उनसे घाटों को सुधारा जाएगा और सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा। मोदी ने कहा कि पुजारियों के लिए थ्री इन वन घर बनेगा। आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि का भी पुनर्निर्माण किया जाएगा। साथ ही गौरीकुंड से केदारनाथ धाम के पैदल ट्रैक को चौड़ा करने का काम भी सरकार करेगी। मंदाकिनी और सरस्वती नदी के तट पर घाट बनाए जाएंगे। मोदी ने इस दौरान सभी सरकारों, उद्योग जगत के लोगों से इस काम में साथ आने की अपील की। मोदी ने कहा कि इन सभी परियोजनाओं में पर्यावरण के सभी नियमों का ध्यान रखा जाएगा। यहां जो पुनर्निर्माण किया जाएगा, उसमें आधुनिकता होगी, लेकिन आत्मा वही होगी।