भोपाल,प्रदेश शासन ने बडे पैमाने पर आंगनवाड़ी भवनों के किराए में फर्जीवाडा उजागर होने के बाद पुरान व्यवस्था को बदल दी है। भवनों का किराया अब सीधे मकान मालिक के बैंक खाते में भेजा जाएगा। ऐसा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के मानदेय भुगतान में गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिलों के अफसरों से मकान मालिकों की पूरी जानकारी मांगी है। सूत्रों की माने तो राजधानी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को एक महीने में दो बार मानदेय जारी किया जा रहा था। जांच में ढाई करोड़ रुपए से ज्यादा की गड़बड़ी सामने आई है।
जांच में यह भी पता चला है कि मामले में लिप्त अधिकारी-कर्मचारी मकान के किराए की एंट्री कर महीने में दूसरी बार मानदेय जारी कर देते थे। विभाग अब इस पूरी व्यवस्था को बदल रहा है। मकान मालिकों को भी मकान का किराया सीधे उनके बैंक खातों में दिया जाएगा। विभाग अभी तक 23 हजार 657 मकान मालिकों की जानकारी जुटा चुका है। विभाग ने शेष पांच हजार 865 मकान मालिकों की जानकारी के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारियों को हाल ही में रिमाइंडर जारी किया है। उनसे हर हाल में 21 अक्टूबर तक सभी मकान मालिकों की जानकारी मांगी गई है। गौरतलब है कि प्रदेश में 29 हजार 533 आंगनबाड़ी किराए के मकानों में चल रही हैं। प्रशासन को आशंका है कि किराए में बडे पैमाने पर फर्जीवाडा हो सकता है, इसीलिए पुरानी व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है।