भोपाल,आज गुरुवार को दीपावली मनाई जा रही है। सुबह 7.18 बजे तक हस्त-नक्षत्र एवं इसके पश्चात चित्रा-नक्षत्र लगेगा। दीवाली शाम में 5.38 बजे से 8.14 बजे तक प्रदोष काल रहेगा। शाम 7.05 बजे से रात 9 बजे तक वृष लग्न में पूजा करना विशेष शुभप्रद रहेगा। इसके साथ ही निशीथ काल और महानिशीथ काल में भी पूजा का शुभ समय है। इस दीपावली पर प्रदोष काल से लेकर अर्धरात्रि तक महालक्ष्मी पूजन मंत्र, जप, अनुष्ठान आदि करने का महत्व होता है। लोग गणेश जी सहित लक्ष्मी-कुबेर आदि का पूजन करें। अमावस्या तिथि 18 अक्टूबर 2017 को रात्रि 12.10 बजे से लगी है जोकि 19 अक्टूबर 2017 को रात 12.32 बजे तक रहेगी। प्रदोष काल में पूजन नहीं कर सकते, वह निशीथ एवं महानिशीथ काल में पूजा कर सकते हैं।
विशेष मुहूर्त
शाम 5.40 बजे से 7.18 बजे तक अमृत की चौघडिय़ा रहने से इस योग में दीपदान, महालक्ष्मी, गणेश कुबेर पूजन, बहीखाता पूजन शुभ रहेगा
लक्ष्मी पूजन का समय
निशीथ काल रात्रि 8.14 बजे से 10.48 बजे तक रहेगा। शाम 7.18 बजे से रात्रि 8.52 बजे तक चर की चौघडिय़ा शुभ हैं, इस अवधि में श्रीसूक्त कनक धारा स्तोत्र और लक्ष्मी पूजन करना शुभ रहेगा
महालक्ष्मी उपासना का समय
महानिशीथ काल रात्रि 10.48 बजे से 1.22 बजे तक महानिशीथ काल रहेगा। इस समयावधि में रात 11.15 बजे तक मिथुन लग्न मध्यम, इसके पश्चात रात्रि 1.35 बजे तक कर्क लग्न विशेष रूप से प्रशस्त होगा। रात्रि 12.05 बजे से 1.35 बजे तक लाभ की चौघडिय़ा रहेगी, इस अवधि में श्री महालक्ष्मी एवं काली उपासना यंत्र, मंत्र, तंत्र आदि क्रियाएं, अनुष्ठान, साधनाएं आदि की जाती हैं। रात्रि में चौमुखा घी का दीपक जलाकर लक्ष्मी सूक्त श्री सूक्त एवं कनक धारा स्तोत्र का पाठ करना शुभ होता है।
कार्यसिद्धि के लिए क्या करें
हस्त नक्षत्र से बना शुभ योग और चित्रा नक्षत्र से बना चर योग कार्यसिद्धि दायक है जो वैधृति के दोष को र्निमूल कर देता है। चित्रा नक्षत्र मृदु-मित्र संज्ञक है।
व्यवसाय में उन्नति के लिए
प्रात: 8 बजकर 40 मिनट तक तुला लग्न के बाद 10 बजकर 59 मिनट तक वृश्चिक लग्न रहेगा। तुला में उच्च राशि का सूर्य बुध व बृहस्पति सहित विराजमान है। चित्रा नक्षत्र मृदु व चर संज्ञक है। इसमें सभी विवाह आदि मंगल कार्य सफल होते हैं। इन लग्नों (तुला, वृश्चिक) में ऑटोमोबाइल, वर्कशाप एवं तांबा, पीतल, कांसा एवं स्टील का व्यवसाय करने वाले व्यक्ति महालक्ष्मी पूजन करें तो विशेष प्रशस्त रहेगा। पूर्वाह्न 11 बजे से 1 बजकर 03 मिनट तक धनु लग्न रहेगी। धनु लग्न का स्वामी बृहस्पति एकादश लाभ भाव में विराजमान है, इच्छित कामनाओं की पूर्ति का संकेत है। कुछ व्यापारी दीपावली पूजन के लिए धनु लग्न को श्रेष्ठ मानते हैं, इसमें कल-कारखानों, ट्रांसपोर्टरों डॉक्टरों एवं होटल का व्यवसाय करने वालों के लिए लक्ष्मी पूजन का विशेष मुहूर्त है। अपराह्न 1 बजकर 4 मिनट से 2 बजकर 45 मिनट तक मकर लग्न अभिजित मुहूर्त रहेगा, लग्नेश शनि द्वारा दृष्ट लग्न अत्यन्त बलवती समझी जाती है। इसमें अमृत का चौघडिय़ा मुहूर्त भी उत्तम है। अमृत का चौघडिय़ा वकीलों चार्टड एकाउंटेंटों, प्रॉपर्टी डीलरों को अकूत लक्ष्मी देने वाला है। 02 बजकर 46 मिनट से 04 बजकर 13 मिनट तक कुंभ और 05 बजकर 38 मिनट तक मीन लग्न रहेगी जो शुक्र मंगल द्वारा दृष्ट होने के कारण अनेक दोषों को निवारण करने की क्षमता रखती है, क्योंकि मीन लग्न शुक्र की उच्च राशि है इस लग्न में दीपावली महालक्ष्मी पूजन करने वाले यजमान व कराने वाले द्विजाचार्य भी मालामाल होंगे। मीन लग्न में विशेषकर तेजी मंदी का व्यापार करने वालों, फाइनेन्सरों और बैंकों को पूजा करनी चाहिए। सायंकाल 5 बजकर 40 मिनट से 7 बजकर 13 मिनट तक मेष लग्न रहेगी, जो अमृत का चौघडिय़ा की उपलब्धि मनोकामना पूर्ति कराने में सहायक बनेगी।
कार्यसिद्धि दायक है यह दीपावली,हस्त-चित्रा नक्षत्र से बन रहा चर योग
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