नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने पूर्व में सर्वोच्च न्यायालय के ही तीन जजों के फैसले को पलट दिया। दो जजों की बेंच ने केरल के एक सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल की 553 खाली सीटों को भरने का आदेश दिया था। दो दिन पहले ही तीन जजों की बेंच ने नियुक्तियों वाली याचिका खारिज कर दी।
केरल क्रिश्चियन प्रफेशनल कॉलेज मैनेजमेंट फेडरेशन ने डॉक्टर हिमांक गोयल की लंबित याचिका पर अपील की थी। 11 अक्टूबर को बेंच ने कहा था, ‘खाली रह गईं 553 सीटों को भरने के लिए डीजीएचएस एक संक्षिप्त काउंसलिंग अगले 10 दिनों मे आयोजित कर सकती है।’ जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और जस्टिस यू यू ललित ने 11 अक्टूबर को यह आदेश दिया। 10 दिन के अंदर होने वाले इस काउंसलिंग में जो लोग आने के इच्छुक हैं, उन्हें चार दिनों के अंदर बेंच से संपर्क के लिए कहा गया।
बता दें कि 2 दिन पहले एक एनजीओ एजुकेश प्रमोशन सोसाइटी ऑफ इंडिया की तरफ से दायर याचिका पर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई की। तीन जजों की बेंच ने खाली सीटों को भरने के लिए दायर याचिका खारिज कर दी।
22 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न मेडिकल कॉलेज की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई की। रिट याचिका में सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश की गई थी कि काउंसलिंग की अंतिम तिथि 14 सितंबर से बढ़ा दी जाए। मेडिकल काउंसिल ने इसे गलत परंपरा विकसित करने वाली प्रवृति कहकर याचिका का विरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने तब भी फैसले में कहा था, ‘भावुक होकर ऐसे फैसले कोर्ट नहीं कर सकता। काउंसलिंग तिथि आगे नहीं बढ़ाने से सीटें खाली रह सकती हैं, लेकिन हम गलत शुरुआत को आगे ले जाने का काम नहीं कर सकते।’