संजय भंडारी व राबर्ड वाड्रा के बीच फिर निकट संबंधों की चर्चा

नई दिल्ली, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और हथियार डीलर संजय भंडारी के बीच निकटता की खबरें तब से चल रही हैं, जब यह बात सामने आई थी कि लंदन स्थित वाड्रा के फ्लैट 12, एलर्टन हाउस का भंडारी ने सन 2016 में नवीनीकरण कराया था। वाड्रा, भंडारी के साथ किसी तरह के वित्तीय लेनदेन से इनकार करते रहे हैं। इस बीच ऐसा कुछ सामने नहीं आया, जो दोनों के संबंधों की पुष्टि करता।
इस बीच कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिससे दोनों के बीच सीधा संबंध जाहिर होता दिख रहा है। इन दस्तावेजों के मुताबिक भंडारी के ट्रैवल एजेंट ने वाड्रा के लिए एयर टिकट खरीदे थे। अगस्त 2012 में खरीदे गए दो टिकट की कॉपी सामने आई है। भंडारी के ट्रैवल एजेंट इंटरनैशनल ट्रैवल होम (पहाड़गंज स्थित) ने भंडारी के ईमेल आईडी पर मेल किया था। इसमें 8 लाख रुपये की कीमत के एमिरेट्स के 13 अगस्त की फ्लाइट का टिकट भी संलग्न था। यह मेल 7 अगस्त, 2012 को भेजा गया था। दूसरा मेल उसी एजेंट द्वारा 17 अगस्त को शाम 4.58 बजे भेजा गया है, जिसमें विशाल बाजपेयी ने वाड्रा के लिए स्विस फ्लाइट (एलएक्स) 563 की टिकट बुक की थी जो नीस से ज्यूरिख के लिए थी। टिकट से पता चलता है कि बिजनेस क्लास की विंडो सीट बुक की गई थी।
अब सवाल यह है कि क्या वाड्रा ने वाकई इन टिकटों पर यात्रा की थी और क्या वाड्रा और भगोड़े आर्म्स डीलर के बीच सचमुच कोई निकट संबंध था? और अगर उनके बीच संबंध थे तो क्या दोनों के बीच वित्तीय लेनदेन भी होते थे? अगर ऐसा है तब वाड्रा सालों से उससे संबंध होने की बात से क्यों इनकार करते रहे हैं? आयकर विभाग ने पिछले साल 27 और 30 अप्रैल को भंडारी के यहां छापा मारा था। भंडारी ने उस समय वाड्रा के लिए टिकट बुक कराया था जब स्विस कंपनी पिलेटस के लिए जेट ट्रेन डील में उसकी भूमिका को लेकर जांच चल रही थी। इनमें से एक टिकट स्विट्जरलैंड की वाणिज्यिक राजधानी ज्यूरिख के लिए बुक की गई थी। यह बताना जरूरी है कि पिलेटस डील करने में सफल रहा था, जबकि भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एचएएल ने एचटीटी-40 को अपने कंटेडर के रूप में पेश किया था। एचएएल की बोली को तब के रक्षा मंत्री एके एंटनी का समर्थन प्राप्त था। सरकार भंडारी के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है। तीन महीने पहले ईडी ने भंडारी की 20 करोड़ की संपत्ति अटैच की थी जिसमें चार लक्जरी कारें भी हैं। उसके खिलाफ ऑफिसल सीक्रेट ऐक्ट के उल्लंघन का भी मामला है। इस मसले पर राबर्ट वाड्रा ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की है।

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