रूद्रपुर,जिन्दगी और मौत के बीच जूझ रहे एक बच्चे को मेडीसिटी अस्पताल के चिकित्सकों ने बचाकर चमत्कार को नमस्कार की कहावत को चरित्रतार्थ कर दिया। आज प्रात: किच्छा मार्ग स्थित मेडिसिटी अस्पताल परिसर मे वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए बताया कि बहेड़ी निवासी महेन्द्र पाल की पत्नी सीमा ने एक निजी अस्पताल में विगत चार अक्टूबर की समय जन्म दिया था लेकिन चिकित्सकों ने बच्चों को काला पीलिया बताते हुए उसकी जान बचा पाने से के प्रति हाथ खड़े कर दिये थे। डॉ. छाबड़ा के मुताबिक बच्चे के परिजनों ने विगत नौ अक्टूबर की सुबह उपचार हेतु दी मेडीसिटी अस्पताल में भर्ती कराया डॉ. छाबड़ा द्वारा जब बच्चे का सिटी स्कैन कराया गया तो पता चला कि उसके दिमाग के आधे हिस्से मे खून जम चुका है जिस कारण वह होश में नहीं आ रहा था। बताया कि अस्पताल में कार्यरत वरिष्ठ न्यौरो सर्जर ने ग्यारह अक्टूबर को छ: दिन के उक्त नवजात का आपरेशन करने का फैसला किया। कहा कि दो घंटे तक चले आपरेशन के दौरान बच्चे के स्कल को खोलकर खून के थक्के को साफ किया गया है। डॉ. छाबड़ा ने पत्रकारों को बताया कि एनआईसीयू मे भर्ती बच्चे की सभी जांचे सामान्य आयी है। बच्चा न केवल होश में आ गया है बल्कि उसने दूध भी पीना शुरू कर दिया है। अस्पताल के प्रशासनिक प्रबंधक सुनील चन्द्रा ने बताया कि दूनिया में पहली बार छ: दिन के बच्चे की स्कल डिकम्प्रेसिव क्रेनियोटॉमी सर्जरी कर बच्चे की जान बचायी गयी है। जिससे बच्चे के उपचार में जुटे चिकित्सक व स्टाफ काफी उत्साहित है। चन्द्र के मुताबिक क्षेत्र मे एकलौता अस्पताल है जिसमे जटिलतम न्यूरो सरजरी की सुविधा उपलब्ध है।