अलवर,राजस्थान के अलवर जिले में कुछ हिंदू कार्यकर्ताओं की शिकायत पर पुलिस ने एक मुस्लिम परिवार की गायों को छीनकर एक गांव की गौशाला को सौंप दिया। पिछले दस दिनों से यह परिवार अपनी गायें वापस पाने के लिए भागदौड़ कर रहा है। पुलिस का कहना है कि इसमें उसका कोई हाथ नहीं है। एक पुलिस अफसर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, पहलू खान की पीट-पीटकर हत्या के छह महीने बाद ही मिओ समुदाय के एक और सदस्य को भी कुछ हिंदू संगठन आरोपी की तरह देख रहे हैं। पागलपन सवार है सबके ऊपर। गाय-बैल की आड़ में कुछ लोग अपनी निजी दुश्मनी भी निकालते पाए जाएं, तो हैरानी नहीं होगी। बिना जांच पड़ताल के ऐसी हरकत केवल पागलपन ही है। उधर, गायों के मालिक सुब्बा खान ने आरोप लगाया है कि स्थानीय पुलिस ने गोरक्षकों के कहने पर उनकी 51 गायें जबरदस्ती छीनकर गौशाला को दे दीं। उन्हें वापस पाने के लिए अब वह एसडीएम ऑफिस और पुलिस स्टेशन के चक्कर काट रहा है, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हो रही। खान के घर में मौजूद करीब 17 बछड़ों को मजबूरी में बोतल से दूध पिलाना पड़ रहा है। उसने एक शपथ पत्र भी सौंपा है, जिसमें लिखा है कि सभी गायें दूध दे रही थीं और उनके बछड़े उसके घर पर हैं। अलवर के एसपी ने कहा, मुझे इस घटना की जानकारी नहीं है। इस पर कुछ भी कहने से पहले इसके बारे में पता करूंगा। किशनगढ़ एसएचओ ने आरोपों का खंडन किया कि पुलिस ने गौशाला में खान की गायों को सौंप दिया। उन्होंने कहा, गांववालों ने ही गायों को अपने कब्जे में ले लिया और उन्हें गांव गौशाला में सौंप दिया। अब ग्रामीणों ने एसडीएम को एक पत्र लिखा है कि खान एक गाय तस्कर नहीं है और दूध बेचकर अपनी आजीविका कमाता है।