नई दिल्ली, सरकार ने सरकारी घर के किराये, बिजली के बिल जैसे बकाये का भुगतान न करने वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोकने के चुनाव आयोग के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। चुनाव आयोग ने विधि मंत्रालय को पत्र लिखकर उन लोगों के लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की अपील की थी, जो सार्वजनिक सुविधाओं के बकाये का पूरा भुगतान नहीं करते। चुनाव आयोग के अनुसार इस तरह के उम्मीदवारों पर रोक लगाने के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-3 में संशोधन करना होगा, जो चुनाव अपराधों से संबंधित है। बकाये के भुगतान में चूक के आधार पर अयोग्यता के लिए उक्त कानून में एक नया खंड जोड़ना होगा। लेकिन एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि वास्तविकता यह है कि विधि मंत्रालय को लगता है कि रोक की जरूरत नहीं है, क्योंकि नो-ड्यूज (कोई बकाया नहीं) सर्टिफिकेट या अनापत्ति प्रमाणपत्र देने वाला प्राधिकरण किसी उम्मीदवार के साथ
पक्षपात कर सकता है। मंत्रालय को यह भी लगता है कि बकाये के विवाद से संबंधित मामलों में मामला अदालत में ले जाया जा सकता है और उसके समाधान में समय लग सकता है। चुनाव आयोग के चुनाव कानून में बदलाव की मांग से संबंधित कदम जुलाई-2015 में आए दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश का नतीजा है, जिसमें चुनाव आयोग से उक्त बकाये का जल्द भुगतान सुनिश्चित करने के लिए उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर किसी तरह का अवरोध लगाने की संभावना ढूंढने पर विचार करने को कहा गया था।
चुनाव आयोग बेबस,मकान का किराया और बिजली का बिल नहीं चुकाने वाले MP-MLA लड़ सकेंगे चुनाव
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