नई दिल्ली,पनामा पेपर्स लीक मामले की जांच की बात सरकार कह रही है। किंतु अभी तक इसमें एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। सूचना अधिकार कानून के तहत मांगी गई जानकारी में वित्त मंत्रालय ने यह खुलासा किया है
19 अगस्त को सूचना अधिकार कानून में वित्त मंत्रालय से पूछा गया था कि पनामा पेपर्स में कितने लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है। इसके जवाब में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने जो जानकारी दी है। इनकम टैक्स एक्ट 1961 और काला धन कर अधिनियम 2015 के तहत पनामा पेपर्स लीक मामले में जांच कराई जा रही है। इन कानूनों में एफआईआर दर्ज करने का कोई प्रावधान नहीं है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा कहा गया है कि 4 अप्रैल 2016 को मल्टी एजेंसी समूह गठित किया गया था। आयकर विभाग के 14 महानिदेशक स्तर के जांच अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। भारत सरकार ने इस मामले में कई देशो से जानकारी जुटाई है। इसकी जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने नहीं दी है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने मई माह में संसद में जानकारी दी थी। पनामा पेपर लीक्स में 424 नामों और 256 समूहों की जांच चल रही है। आयकर विभाग ने 370 मामलों में समन जारी किए हैं। इसमें 308 के जवाब आ चुके हैं। संसद में भी सरकार ने नामों का खुलासा नहीं किया था। सूचना अधिकार कानून में जो जवाब दिया गया है, उसमें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने फेमा एक्ट का उल्लेख नहीं किया है । उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार का विदेशों में जमा धन भारत वापस लाना, प्रमुख एजेंडे में शामिल था। किंतु इस संबंध में अभी तक कोई भी प्रयास सरकार द्वारा नहीं किया जाना आश्चर्य का विषय है।