जीएसटी में जरूरत पड़ी तो बदलाव भी करेंगे : मोदी

नई दिल्ली, इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी (आईसीएसआई) के 50 वर्ष पूर्ण होने के के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर जबरदस्त हमला बोला। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कंपनी सचिवों, सीए की ग़लत सही सलाह अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है। उन्होंने सचिवों से खाता-बही में गड़बड़ी न करने की सलाह दी। मोदी ने कहा कि खाता-बही में पारदर्शिता होनी चाहिए। विज्ञान भवन में मोदी ने कहा- आलोचकों का बातों का बुरा नहीं मानते लेकिन देश में निराशा का वातावरण बनाने से बचना चाहिए। वर्तमान की चिंता में देश के भविष्य को दांव पर नहीं लगा सकता। हमने बिना गारंटी 9 करोड़ लोगों को लोन दिया है। रेवड़ी बांटे बिना भी देश का विकास हो सकता है। 350 रुपये का एलईडी बल्ब 40-45 रुपये में बिक रहा है। मोदी ने कहा हम लकीर के फ़कीर नहीं हैं, जरूरत पड़ी तो बदलाव करेंगे। आरबीआई ने भी कहा है कि अगली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.7 फीसदी तक हो सकती है। जीडीपी से किसी देश की अर्थव्यवस्था का पता चलता है। 3 साल में 50 फीसदी से ज्यादा ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया है। 34 हज़ार किमी नेशनल हाईवे बनाए।
काले धन वालों के खिलाफ स्वच्छता आभियान जारी है। पहले आसानी से काले धन का लेनदेन होता था जो अब संभव नहीं है। कुछ लोगों को निराशा फैलाने में मज़ा आता है। देश में पहली बार विकास दर नहीं गिरी है। विकास दर मापने का पैमाना एक ही है। पिछली सरकार में विकास दर 8 बार 5.7 से नीची रही। हमारी सरकार ने राजकोषीय घाटे को हमारी सरकार ने कम किया है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 40 हज़ार करोड़ के पार पहुंच गया है। व्यापारियों के पुराने रिकॉर्ड्स नहीं खंगाले जाएंगे।ईमानदारों लोगों के हितों की सुरक्षा करते रहेंगे।

-जीडीपी में पहली बार गिरावट नहीं आई है
– पिछली सरकार के दौरान 6 साल 5.7प्रतिशत रही थी जीडीपी
-अब ब्लैकमनी रखने से पहले लोग 50 बार सोचते हैं

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