भीलांचल के भाजपा विधायक शांतिलाल यौन शोषण के आरोप में फंसे

झाबुआ, झाबुआ से बीजेपी विधायक शांतिलाल बिलवाल पर एक युवती ने शादी का झांसा देकर बलात्कार करने का आरोप लगाया है। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि विधायक उसके साथ पिछले 13 साल से शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बना रहा था। युवती के पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्र का विधायक होने से पुलिस कार्रवाई करने के बजाय उसपर समझौता करने का दबाब बनाती है। इसके बाद परेशान होकी युवती ने मंगलवार को जनसुनवाई में पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। एसपी ने भी इस मामले में जांच के आदेश् दे दिए है।
युवती ने शिकायती आवेदन में कहा है कि बीजेपी विधायक शांतिलाल बिलवाल और उसके बीच साल 2004 से परिचय है। युवती पहले मोहनपुरा गांव में रहती थी। इसके बाद वह झाबुआ आकर रहने लगी। विधायक ने साल 2004 में उसे शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए। इसी बीच विधायक ने उसके साथ नहीं एक अन्य युवती से विवाह कर लिया। इसके बाद विधायक ने पीड़ित युवती को गोपाल कालोनी में कमरा किराये पर दिलावाया ​है और उसके साथ हर रात संबंध बनाता रहा।
शिकायती आवेदन के अनुसार पीड़िता जब शादी के लिए दबाब बनाने लगी तो विधायक ने उसे चुनाव के बाद शादी करने का भरोसा दिलाया। इसके लिए उसने एक नोटरी के माध्यम से एक शपथ पत्र भी तैयार किया। युवती के शादी के ​दबाब बनाने पर विधायक और पार्टी के नेताओं ने उस युवती को समझाया और नहीं मानने पर उसे धमकाया। विधायक और उसके साथियों ने उससे फोन पर इस संबंध में बातचीत की है,जिसकी रिकार्डिग उसके पास है। पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि पिछली 30 सितंबर को विधायक ने पीडिता के साथ संबंध बनाए और जब उसने शादी के लिए बात कही तो विधायक ने चुनाव बाद करने की बात कही। विवाद बढने पर विधायक ने उसे बा​हर किसी को इस मामले की जानकारी देने पर उसे जान से मारने की धमकी दे डाली। इस मामले को लेकर मंगलवार को युवती ने पुलिस अधीक्षक महेश चंद्र जैन को विधायक के खिलाफ शिकायती पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की।
अपने आवेदन में युवती ने विधायक के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज करने की मांग की है। मामला सामने आने के बाद एसपी ने मामले में जांच के आदेश दे दिए है। इसके पहले भी छह महीने पहले युवती ने झाबुआ कोतवाली में विधायक के खिलाफ शिकायती आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद पुलिस ने पीडिता पर समझौता करने और शिकायत वापस लेने का दबाब बनाया था, जिसके चलते पीडिता को अपना आवेदन वापस लेना पडा था। गौरतलब है कि बीजेपी विधायक शांतिलाल बिलवाल साल 2013 में हुए विधानसभा में विधायक निर्वार्चित हुए थे।

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