नई दिल्ली, केन्द्र की मोदी सरकार ने ४ अक्टूबर से पेट्रोल और डीजल (ब्रांडेड और गैर-ब्रांडेड दोनों) पर बेसिक उत्पाद शुल्क २ रू प्रति लीटर कम करने का फैसला लेकर जनता को कुछ बोझ से हल्का किया है। सरकार ने यह फैसला कच्चे पेट्रोलियम तेल तथा पेट्रोल और डीजल के बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय मूल्य के प्रभाव को कम करने और आम आदमी के हितों की रक्षा के लिए पेट्रोल और डीजल के बढ़ते खुदरा बिक्री मूल्य को कम करने के लिए किया है। उत्पाद शुल्क में इस कटौती से पूरे १ वर्ष में २६,००० करोड़ रू का और वर्तमान वित्त वर्ष के शेष हिस्से के दौरान करीब १३,००० करोड़ रू का घाटा होगा। इससे पहले पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में वृद्धि के कारण दिल्ली में पेट्रोल और डीजल का खुदरा बिक्री मूल्य २ अक्तूबर को बढ़कर क्रमश: ७०.८३ रू प्रति लीटर और ५९.०७ रू प्रति लीटर हो गया। पेट्रोल और डीजल के मूल्यों में यह वृद्धि थोक मूल्य सूचकांक मंहगाई में दिखाई देने लगी थी, जो अगस्त, २०१७ में बढ़कर ३.२४ प्रतिशत हो गई, जबकि जुलाई, २०१७ में यह १.८८ प्रतिशत थी। इसके कारण सरकार को इस संबंध में तेजी से फैसला लेना पड़ा।