भोपाल, मध्य प्रदेश में भर्ती के लिए हुए व्यापमं घोटाले का भूत अभी भागा भी नहीं कि पीएससी के घोटाला सामने आ गया। घोटाले की सफाई में पीएससी की सफाई ही संदेश के घेरे में आ गई है। पीएससी के हाल ही में आये रिजल्ट को लेकर मचे बवाल के बीच पीएससी ने जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक इस मामले में नजर रख रहे हैं। मुख्य सचिव ने मामले को लेकर चिंता जताई है।
इस तरह हुआ है घोटाला
एक ही परीक्षा केंद्र से प्री परीक्षा में जैन समाज के 29 परीक्षार्थी पास हुए। वहीं, प्रमुख परीक्षा मेंचयनित 23 में से 18 भी जैन समाज के परीक्षार्थी ही हैं। प्रारंभिक परीक्षा सभी जिला मुख्यालय पर आयोजित की गई थी। इसमें आगर मालवा के नेहरू पीजी महाविद्यालय और एक्सीलेंस हायर सेंकेन्ड्री स्कूल भी केंद्र थे। दोनों पर 624 परीक्षार्थी शामिल हुए। आयोग के मुताबिक प्रारंभिक परीक्षा में 58 समुदाय विशेष के थे। दोनों केंद्रों से 47 परीक्षार्थियों का चयन हुआ था। इसमें से 29 समुदाय विशेष के थे। मुख्य परीक्षा में इस केंद्र के 47 परीक्षार्थियों में सें मुख्य परीक्षा में 23 सफल रहे। 18 समुदाय विशेष के हैं। पूरे प्रदेश में चयनित 1528 परीक्षार्थियों में कुल 60 समुदाय के हैं।
पीएससी के दो अफसर घिरते दिख रहे
पीएससी के अफसर इस मामले में फंसते दिख रहे हैं क्योंकि वे भी जैन समुदाय से ही हैं। हालाकि परीक्षा के वक्त नियंत्रक आरआर कन्हारें थे। उस समय मदनलाल जैन (गोखरू) उप नियंत्रक थे। अन्य परीक्षा नियंत्रक दिनेश जैन थे।
पीएससी भर्ती-जैन समुदाय के 60 परीक्षार्थियों व एक ही केंद्र से 18 के चयन पर बवाल,फंसते दिख रहे आयोग के अफसर
