जगदलपुर,मुख्यमंत्री डाॅ. रमनसिंह ने आज बस्तर दशहरा के अवसर पर सिरहासार भवन में ऐतिहासिक मुरिया दरबार रस्म में शामिल होकर जनप्रतिनिधियों, बस्तर दशहरा समिति के पदाधिकारियों सहित बस्तर दशहरा के अभिन्न अंग तथा बस्तर के गांव-गांव से आये मांझी, चालकी, मेम्बर-मेम्बरीन, नाईक, पाईक आदि से रूबरू होकर भेंट की और परम्परा के अनुसार उनके साथ बैठकर उनकी बातों और समस्याओं को सुना। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने मांझी, चालकी तथा मेम्बर-मेम्बरीन की मांग पर उनकी मानदेय वृद्धि करने की मंजूरी दी। जिसके तहत् अब मांझियों को 2 हजार रूपए, चालकी को 1 हजार रूपए तथा मेम्बर-मेम्बरीन को 1200 रूपए हर महीने मानदेय प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डाॅ. रमनसिंह ने अपने संबोधन में कहा कि बस्तर दशहरा पर्व सैकड़ों वर्ष पुराना परम्परागत और अनूठा एवं अद्भुत पर्व है, जो 75 दिनों तक चलता है। यह एक ऐसा दशहरा है जहां मां दन्तेश्वरी की पूजा-आराधना होती है। यह पर्व बस्तर के लोगों का जनउत्सव है। उन्होंने कहा माॅं दन्तेश्वरी के आशीर्वाद और आप सभी के सहयोग से ही यह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि बस्तर में इंटरनेट कनेक्टीविटी बढ़ाने के लिए 40 करोड़ की लागत से बस्तर नेट स्थापित करने सहित आगामी एक वर्ष के भीतर बस्तर हवाई सेवा से जुड जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि बस्तर के शतप्रतिशत मजरे-टोले के विद्युतीकरण का कार्य आगामी 31 मार्च 2018 तक पूर्ण कर लिया जाए। मुख्यमंत्री डाॅ. रमनसिंह ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा बस्तर विकास के लिए 80 करोड़ रूपये की ‘‘बस्तर प्लान’’ की मंजूरी के बारे में अवगत कराया तथा मुरिया दरबार में उपस्थित मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरीन, पटेल-कोटवार और ग्रामीणों तथा गणमान्य नागरिकों से सम्पूर्ण बस्तर को आगामी 02 अक्टूबर तक खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए सक्रिय सहभागिता निभाने का आग्रह किया।