उफ़ ये कैसा अभियान महिला अफसर को दफ्तर में टॉयलेट नहीं होने से परेशान होना पड़ रहा

शिवपुरी, केंद्र और प्रदेश सरकार स्वच्छ भारत अभियान चला रही है। इसके लिए सरकार शौचालय निर्माण के लिए सरकार राशि भी आवंटित भी करा रही है, लेकिन आपको यह जानकार हैरानी होगी​ कि एक महिला अफसर को उसके कार्यालय में महिला टॉयलेट नहीं होने के चलते अपना कार्यालय को दूसरे सरकारी दफ्तर में​ शिफ्ट करना पडा।
यह ​मामला है जिले ​के आदिम जाति कल्याण विभाग का, इस कार्यालय में महिला टॉयलेट ही नहीं है। इस विभाग में जिला संयोजक के पद पर पदस्थ हुई शिवाली चतुर्वेदी को जब ज्चाइनिंग के बाद टॉयलेट के बारे में पूछा तो कर्मचारियों ने लेडिज टॉयलेट होने की बात से इंकार कर दिया। इस वजह से परेशान लेडी अफसर को दिन में दो-तीन बार अपने घर जाना पड़ा। दो-तीन दिन तक तो ऐसा ही चला और समस्या का कोई हल नहीं निकलता देख अफसर ने कलेक्ट्रेट परिसर में ही एनआईसी के दफ्तर में अपना ऑफिस शिफ्ट कर लिया। शिवाली चतुर्वेदी ने बताया कि उन्होंने कलेक्टर को जानकारी दे दी है और वे फिलहाल दूसरे दफ्तर में बैठकर सरकारी कामकाज निपटा रही हैं। वे कहती हैं कि दफ्तर में यह सुविधा तो होनी चाहिए। जब इस मामले की शिकायत कलेक्टर तक पहुंची तो उन्होंने कहा कि टॉयलेट की समस्या को स्वच्छ भारत मिशन से जोड़ना ठीक नहीं है। यह सही है कि लेडी अफसर के दफ्तर में टॉयलेट नहीं है। इसलिए वे दूसरे दफ्तर में बैठ रही हैं। टॉयलेट के लिए संबंधित एजेंसी से कहा गया है और इसके लिए बजट में प्रावधान किया जा रहा है, तभी टॉयलेट बन पाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *