नई दिल्ली, देश की अर्थव्यवस्था में कमजोरी के माहौल को लेकर भाजपा नेता व पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा व वर्तमान वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच बयानबाजी जारी रही।
यशवंत सिन्हा ने कहा- 30 साल बाद भी एक लोकसभा चुनाव भी नहीं जीत पाये। जिन्होंने लोकसभा की शक्ल नहीं देखी, वह मुझ पर नौकरी मांगने का आरोप लगा रहे हैं। मेरी 12 साल की आईएएस नौकरी बाकी थी और मैंने सब छोड़कर राजनीति प्रारंभ की थी। 1989 में वीपी सिंह देश के पीएम थे, उन्होंने मुझे शपथ के लिए राष्ट्रपति भवन बुलाया था। मैं बिना शपथ के वापस आ गया क्योंकि मुझे लगा कि वह मेरे साथ न्याय नहीं कर रहे। मैंने मंत्री पद का त्याग किया, आईएएस का पद छोड़ दिया। राजनीति में प्रवेश करने के 15 दिन के भीतर मैंने चुनाव लड़ा।
80 की उम्र में नौकरी तलाश रहे यशवंत : जेटली
अरुण जेटली पर सवाल उठाने वाले यशवंत सिन्हा पर जेटली ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा- यशवंत सिन्हा 80 की उम्र में नौकरी तलाश रहे हैं।
मैं नौकरी चाहता तो जेटली वहां नहीं होते : यशवंत
यशवंत सिन्हा ने नौकरी पाने वाले बयान पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर मैं नौकरी चाहता तो अरुण जेटली वहां पर नहीं होते।
मोदी सामने आएं और जवाब दें : शत्रुघ्न सिन्हा
पटना साहित से भाजपा सांसद और बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा ने यशवंत सिन्हा का समर्थन किया। शुक्रवार सुबह फिर उन्होंने ट्वीट किया कि लगातार उठ रहे सवालों का जवाब देने के लिए अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनता और मीडिया के सामने आना चाहिए। पीएम को एक प्रेस कांफ्रेंस बुलानी चाहिए, जिससे पता लगे कि वह मध्यम वर्ग के लोगों की फिक्र करते हैं।
मैं पिता से असहमत : जयंत
यशवंत सिन्हा के बेटे व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा- अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में अपने पिता एवं पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा की राय से असहमति जताने वाला आलेख किसी के कहने पर लिखा है। मैंने आलेख अपने विवेक से लिखा था। मुझे लिखने किसी तरह का दबाव नहीं डाला गया।