अशोक चौधरी को ‎बिहार कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटाया,फिलहाल कौकब कादरी देखेंगे काम

नई दिल्ली, कांग्रेस ने पार्टी की बिहार इकाई के प्रमुख अशोक चौधरी को उनके पद से तुरंत प्रभाव से हटा दिया है। नए प्रदेश अध्यक्ष की ‎नियु‎क्ति होने तक पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष कौकब कादरी इस जिम्मेदारी को संभालेंगे। यह जानकारी कांग्रेस के केंद्रीय महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने दी है। उन्होंने बताया, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अशोक चौधरी को बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से तुरंत प्रभाव से हटा दिया है। पार्टी के बिहार प्रभारी सीपी जोशी ने एक बयान में बताया कि बिहार पीसीसी के उपाध्यक्ष कौकब कादरी नये पीसीसी प्रमुख की नियुक्ति नहीं होने तक इस जिम्मेदारी को संभालेंगे। कांग्रेस पार्टी की ओर से यह कदम इन खबरों के बीच उठाया गया है कि पार्टी की राज्य इकाई दो फाड़ हो सकती है, जिसमें से एक धड़े की अगुवाई चौधरी कर सकते हैं। चौधरी ने हाल में आरोप लगाया था कि एक वर्ग पार्टी की बिहार इकाई में बगावत को हवा देने के लिए उनका नाम लेकर उनकी छवि खराब कर रहा है। बिहार में जदयू के महागठबंधन से हटने के बाद इस बात को लेकर आशंकाएं थीं कि कांग्रेस के कुछ विधायक जदयू में शामिल हो सकते हैं। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले माह 20 से अधिक विधायकों से मुलाकात कर पार्टी के कामकाज के बारे में उनकी अलग अलग राय जानी थी। राहुल ने कांग्रेस विधायकों को बुलाकर इसलिए बातचीत की थी, ताकि पार्टी की राज्य इकाई में विभाजन को टाला जा सके।

दलित विरोधी है कांग्रेस -बर्खास्त अध्यक्ष अशोक चौधरी
पटना, बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से अचानक हटाए गए अशोक चौधरी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने दलित का अपमान किया है। चौधरी ने कहा कि पार्टी ने उनको सम्मानजनक विदाई देते हुए इस्तीफा सौंपने का मौका तक नहीं दिया।
पटना में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए चौधरी ने कहा, ‘मैं पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के फैसले का स्वागत करता हूं। लेकिन जिस तरह मुझे पद से हटाया गया है, ऐसा मैंने कभी नहीं सोचा था। अगर उन्होंने मुझसे कहा होता, तो मैं खुद ही अपने इस्तीफे का प्रस्ताव रख देता। एक दलित, जिसकी दो पीढ़ियों ने बिहार कांग्रेस की तरक्की और मजबूती के लिए काम किया, उसे इतने अनौपचारिक तरीके से हटाना बहुत ही अपमानजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है।’ अपनी बात रखते हुए अशोक चौधरी काफी भावुक हो गए और कैमरे के सामने रो पड़े।
चौधरी ने कांग्रेस महासचिव और बिहार मामलों में पार्टी के प्रभारी सीपी जोशी को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को भ्रामक जानकारी देने और उनके खिलाफ साजिश रचने के लिए जिम्मेदार बताया। चौधरी ने कहा, ‘मंगलवार को सीपी जोशी मीडिया को फोन करते हुए जानकारी दे रहे थे कि मुझे बीपीसीसी चीफ के पद से हटा दिया गया है। मीडिया हाउसों को कॉल करने के बजाए उन्हें पार्टी के फैसले के बारे में मुझे जानकारी देनी चाहिए थी। मैं अपना इस्तीफा भेज सकता था। यह मुझे हटाने का एक बेहतर तरीका था। मुझे मीडिया के जरिए कार्रवाई की जानकारी मिली। मुझे हटाए जाने की प्रक्रिया को संवेदनशील तरीके से नहीं पूरा किया गया, क्योंकि मैं एक दलित हूं।’
चौधरी ने कहा, ‘पिछले 6 महीनों से जोशी मेरे बारे में हाईकमान को गलत जानकारी दे रहे थे। उन्होंने मुझ पर पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाया। इस अपमानजनक तरीके से हटाए जाने पर मुझे बहुत दुख पहुंचा है। हर किसी का एक दिन होता है। आज वह मेरे मुकाबले ज्यादा ताकतवर साबित हुए हैं, कल मैं भी उनके खिलाफ सशक्त हो सकता हूं।’ अपने अगले कदम के बारे में सवाल पूछे जाने पर चौधरी ने कहा, ‘मैंने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। फिलहाल मैं किसी दूसरी पार्टी में नहीं जा रहा हूं।’

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