वाराणसी,बीएचयू में छात्रा के साथ छेड़खानी के विरोध में पिछले दो दिनों से चल रहे धरना-प्रदर्शन के बाद शनिवार देर रात पूरे परिसर में जमकर बवाल हुआ। रात करीब 10 बजे कुलपति जीसी त्रिपाठी के आवास के पास प्रदर्शन करने पहुंचे छात्राओं पर सुरक्षा गार्ड्स ने लाठीचार्ज कर दिया। इसमें कई छात्र घायल हो गए। इसके बाद छात्रों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने पथराव करना शुरू कर दिया। इसमें कुछ सुरक्षा गार्ड भी घायल हो गए।
रात करीब 12 बजे बीएचयू हॉस्टल से कई पेट्रोल बम भी फेंके गए। भारी बवाल और आगजनी के बाद 2 अक्टूबर तक यूनिवर्सिटी बंद कर दी गई है। गुस्साए छात्रों ने सर सुंदरलाल अस्पताल में घुसकर पथराव किया, इससे वहां भगदड़ मच गई। मरीजों को काफी परेशनी का सामना करना पड़ा। छात्रों ने बीएचयू के सिंह द्वार के बाहर खड़ी मोटरसाइकिलों को भी आग लगा दी और पुलिस बूथ को उखाड़ कर फेंक दिया। भारी हिंसा को देखते हुए 23 थानों की फोर्स बुला ली गई। पुलिस ने हिंसा पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के कई गोले छोड़े और 18 राउंड हवाई फायरिंग की। पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में कई छात्र घायल हुए हैं। छात्राओं का कहना है कि पुलिस ने उनपर भी लाठीचार्ज किया और उनके साथ गालीगलौज भी की गई। इस पूरे बवाल में जिले के डीएम और एसएसपी को भी चोट आई है।
उधर कुलपति ने इस घटना की जांच के लिए एक कमिटी का गठन किया है। इससे पहले छात्रों ने कुलपति के खिलाफ अपनी नाराजगी जताने के लिए पीएम मोदी के पोस्टर को आग लगा दी थी। 3 साल के दौरान दूसरा मौका है, जब बीएचयू की छात्राएं अपनी सुरक्षा को लेकर सड़क पर उतरी हैं। वाराणसी के एसएसपी आरके भारद्वाज ने कहा कि बीएचयू में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और एसपी (सिटी) दिनेश सिंह घटनास्थल पर मौजूद हैं।
प्रदर्शन की अगुवाई कर रही एक छात्रा ने कहा, ‘मोटर साइकल सवार दो बदमाशों ने बीएफए थर्ड ईयर की छात्रा के साथ उस वक्त छेड़छाड़ की जब वह शाम सात बजे के आसपास त्रिवेणी कॉम्प्लेक्स स्थित अपने हॉस्टल लौट रही थी। उसने प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षा अधिकारी से इस बारे में शिकायत की, लेकिन उन्होंने पूछा कि वह दिन ढलने के बाद भी बाहर क्यों थी।’ लड़की ने हॉस्टल पहुंचने पर रूममेट को इसकी जानकारी दी और फिर सबने विरोध दर्ज कराने का फैसला किया। शुक्रवार सुबह सबने बीएचयू के लंका गेट के सामने प्रदर्शन किया और इसमें उनका साथ आईआईटी-बीएचयू और महिला महाविद्यालय के होस्टल की लड़कियों ने दिया।
इन लड़कियों ने कई मांगें रखी हैं इनमें 24 घंटे सुरक्षा, लड़कियों के साथ किसी तरह की अप्रिय घटना की स्थिति में सुरक्षाकर्मियों को जवाबदेह बनाना, हॉस्टल आने वाले रास्ते में पर्याप्त रोशनी, सीसीटीवी नेटवर्क और महिला सुरक्षाकर्मियों की तैनाती शामिल है। उनकी मांग थी कि वीसी उनसे मिलें, लेकिन यूनिवर्सिटी के किसी भी अधिकारी ने उनसे शुक्रवार शाम तक मुलाकात नहीं की थी। इनके प्रदर्शन के कारण प्रधानमंत्री के काफिले का रास्ता बदला गया। लड़कियों का कहना है कि सभी राजनीतिक पार्टियों के स्टूडेंट्स विंग उनके साथ हैं।
बीएचयू प्रवक्ता के मुताबिक, बीएचयू कुछ समय से उस कॉकस के निशाने पर है, जिसका देश की शैक्षणिक संस्थाओं पर कब्जा था। उसने इन्हें अपने भ्रष्टाचार का अड्डा बना रखा था। शैक्षणिक व प्रशासनिक व्यवस्था में कड़ाई से नियमों को लागू करने से परेशान ताकतें बीएचयू को बदनाम करना चाहती हैं। प्रशासन का कहना है कि शुक्रवार रात कुछ अराजकतत्वों ने मेन गेट पर स्थापित भारत रत्न पं. मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर चढ़कर कालिख पोतने की कोशिश की।