मुंबई, फिल्म ‘न्यूटन’ को 2018 आस्कर पुरस्कार के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि घोषित किया गया है और निर्देशक ने इस उपलब्धि के लिए अपनी टीम की प्रशंसा की है। मसूरकर ने कहा कि मुख्य किरदारों के अलावा, वह सहयोगी स्टाफ के आभारी हैं जिन्होंने छत्तीसगढ के जंगलों में दृश्य फिल्माने के लिए निरंतर मेहनत की। छत्तीसगढ में इस फिल्म की 37 दिन शूटिंग हुई है। मसूरकर ने कहा, ‘‘हम बहुत खुश हैं कि यह ऐसे समय चुनी गई जब यह सिनेमाघरों में है। हमें आशा है कि इससे भारत में और लोग सिनेमाघरों में जाकर फिल्म देखेंगे। कोई भी जो अपने लोगों, अपने देश से प्यार करता है, ‘न्यूटन’ से जुड़ सकता है।’’उन्होंने कहा, ‘‘फिल्म मानवाधिकार उल्लंघन और लोकतंत्र को मजबूत करने की जरूरत पर आधारित है और इसे बहुत हल्के फुल्के अंदाज में बताया गया है। यह सामूहिक प्रयास है। निर्माताओं आनंद एल राय, सिनेमैट्रोग्राफर स्वप्निल सोनावाने, संपादक श्वेता वेंकट तथा कई और लोगों ने पर्दे के पीछे से बहुत मेहनत की है।’’ यह फिल्म एक राजनीतिक व्यंग्य है जिसकी कहानी एक ईमानदार चुनाव अधिकारी के इर्दगिर्द घूमती है जो छत्तीसगढ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने का प्रयास कर रहा है। फिल्म निर्देशक ने कहा कि वह पहले ‘न्यूटन’ के निर्देशन को लेकर दुविधा में थे। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिए बड़ी चुनौती थी। मैं इस पर काम करने से डर रहा था। मैं डरा हुआ था, अपनी जिंदगी के लिए नहीं बल्कि मुझे डर था कि मैं इसे उपहास लायक बना दूंगा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मैं इसे लेकर चिंतित था। लेकिन इसके बाद मुझे अच्छी टीम मिली और फिल्म में अच्छे कलाकार और अच्छे निर्माता थे।’’
‘न्यूटन’ को आस्कर के लिए प्रविष्टि मिलने पर डायरेक्टर मसूरकर बोले यह सामूहिक प्रयास
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