वड़ोदरा, बसपा प्रमुख मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह दलित मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए बाबा साहेब भीमराव और अन्य दलित महापुरुषों के नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने दलितों को आगाह किया कि भाजपा के लिए जातिगत भेदभाव से उबर पाना आसान नहीं है। इस लिए वे भाजपा नेताओं की बातों में नहीं आएं। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने चेतावनी दी यदि हिंदू धार्मिक नेता दलितों के प्रति अपना रवैया नहीं बदलते, तो वे और उनके समर्थक बौद्ध धर्म अपना लेंगे।
मायावती ने कहा भाजपा के ओबीसी एवं दलित नेता ‘पीएम’ या ‘सीएम’ बन जाने के बाद भी हमेशा आरएसएस के बंधुआ मजदूर बने रहेंगे। मायावती ने मोदी के गृह राज्य में चुनावी बिगुल फूंकते हुए आरोप लगाया भाजपा जातिगत भेदभाव में यकीन रखती है। बसपा प्रमुख ने चेतावनी दी कि यदि हिंदू धार्मिक नेता दलितों के प्रति अपना रवैया नहीं बदलेंगे, तो वे और उनके समर्थक बौद्ध धर्म अपना लेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा यदि किसी दलित या ओबीसी नेता को पार्टी प्रमुख या मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बना देती है, तो भी वे हमेशा ही आरएसएस के बंधुआ मजदूर बने रहेंगे। वे अपने वर्गों के लिए कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं होंगे। मायावती ने कहा, ‘‘यदि हिंदू संतों और शंकराचार्यों ने दलितों के प्रति अपना व्यवहार और रवैया नहीं बदला, तो मैं और मेरे समर्थक बौद्ध धर्म अपना लेंगे।
मायावती की ओर से भाजपा पर यह हमला ऐसे दिन किया गया है, जब गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने शहर में अंबेडकर संकल्प भूमि स्मारक परियोजना की आधारशिला रखी है। मायावती ने ‘महासंकल्प दिवस’ के शताब्दी वर्ष के मौके पर आयोजित एक रैली में कहा, ‘‘मोदी स्वयं को ओबीसी कहते हैं, लेकिन उन्होंने इस वर्ग के लोगों के लिए कुछ भी नहीं किया। वह अंबेडकर के नाम का इस्तेमाल दलितों का वोट जुटाने के लिए कर रहे हैं।’’
बसपा प्रमुख ने कहा कि 23 सितम्बर 1917 को वह दिन था जब अंबेडकर ने लगातार भेदभाव और अपमानों के चलते वडोदरा में अपनी नौकरी छोड़ने का निर्णय किया। मायावती ने भाजपा के वैचारिक संरक्षक आरएसएस पर तीखा हमला बोला। मायावती की पार्टी बसपा उत्तर प्रदेश में चुनावी हार के बाद हाशिये पर चली गई है। उन्होंने मोदी पर तीन वर्षों में दलितों के लिए ‘‘कुछ भी नहीं करने’’ का आरोप लगाया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने गृह राज्य में चुनाव के मद्देनजर समुदाय के लिए कई वायदे कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 में राजग के सत्ता में आने के बाद भाजपा शासित राज्यों में कमजोर वर्गों के खिलाफ कथित अत्याचार बढ़ गए हैं।