अशोकनगर, पिछले 24 घण्टों से जिले में हो रही लगातार बारिश से जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। लगातार वर्षा से सभी नदी नाले उफान पर हैं। गुरुवार को जहां दिन भर बारिश हुई वहीं शुक्रवार की दोपहर तक वर्षा होती रही। भारी बारिश के कारण कई मार्गों में आवागवन प्रभावित हुआ। जगह-जगह निचले इलाकों में पानी का भराव हो जाने से जल निकासी के अभाव में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जोरदार बारिश के कारण जिले के नदी नाले पर बने बने पुल-पुलियों के ऊपर से पानी बहने लगा जिससे आवागमन पूरी तरह बंद रहा। वहीं नदियों में उफान आने के कारण इनके किनारे बसे गांवों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई।
रात भर जोरदार बारिश के चलते ग्रामीण क्षेत्रों के नदी नाले उफान पर रहे। जिसके कारण कई गांवों का सड़क संपर्क टूटा रहा। जानकारी अनुसार लगातार बारिश के चलते जिले की चन्देरी तहसील के अन्तर्गत आने वाले मोहनपुरा में बाढ़ की स्थिति निर्मित होने लगी। रात्रि के समय घरों में पानी भरने के कारण लोगों ने पेड़ों पर चढ़कर रात बिताई। यह जानकारी जिला कलेक्टर बीएस जामोद को मिलने पर उन्होंनें बाढ़ से प्रभावित होने वाले स्थानों पर तत्काल पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने के साथ गोताखोर, होमगार्ड के जबानों की सात सदस्यीय टीम को मोहनपुरा के लिए रवाना किया गया है और नदी तट पर गोताखोरों और पुलिस की तैनाती की गई हैं। उन्होंने नगरीय निकायों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ एवं राहत कार्य के बचाव हेतु उपयोग में होने वाले रस्सा, सर्च लाइट, टय़ूब आदि आवश्यक सामग्री अपने स्तर पर खरीदने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। वहीं खाद्य विभाग द्वारा बाढ़ पीढ़ितों के भोजन हेतु 300 पैकेट भी भिजवाए गए।
अधिकतर रूडो की बसें रहीं बंद:
लगातार बारिश के कारण जिले की अधिकतर सड़कें पानी से लबालब भर आई हैं। जिसके कारण अशोकनगर से थूबोन, चन्देरी, पिपरई, धुर्रा, नईसरायं, बंगलाचौराह, सिरोंज, चन्देरी से पिपरई आदि रूड़ों की बसे बंद रहीं। वहीं अशोकनगर और गुना के बीच रेल्वे फाटक पर काम चलने की वजह से इस रूड की बसे भी दोपहर तक बंद रहीं। अधिकतर रूड़ों की बसें बंद होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बस स्टेण्ड पर घण्टों तक यात्री बसों का इंतजार करते नजर आए।
बह गई फसलें:
लगातार बारिश ने कई किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। खेतों में कटी फसलें पानी में बर्बाद हो गई हैं। वहीं खेतों में पानी भरने के कारण खड़ी फसलें भी गलकर नष्ट हो गई हैं। मुंगावली क्षेत्र की मोला और कैथन नदी में उफान के कारण खिचली, गदूली, बलखाना गांव, मल्हारगढ़, सवलहेडा, बहादुरपुर सहित अन्य कई किसानों के खेतों में कटी पड़ी उड़द और सोयाबीन की फसलें बह गईं। जानकारी के अनुसार 125 गावों की 20 हजार हैक्टेयर फसलें बारिश में प्रभावित हुई हैं।
तालाब की पार टूटी:
ईसागढ़ ब्लॉक के अन्तर्गत आने वाले ग्राम कदवाया के पास जमनया गांव के तालाब की पार टूट गई। गांव के खेतों की फसल वह गई। गांव के करीब 10-12 घरों में पानी भर गया। जिसके कारण रहवासियों के खाने-पीने एवं ओढ़ने-बिछाने का सामान भींग गया। वहीं कदवाया की वीजासन माता मंदिर में भी पानी भर गया। जानकारी मिलने पर गांव में बचाव दल पहुंचा और गांव के सरकारी स्कूल में रुकने की व्यवस्था कराई गई। राहत बचाव कार्य जारी है।
गलियों में भरा पानी मकान धरासाही:
लगातार बारिश के कारण शहर के गली मोहल्लों एवं घरों में पानी भर गया। गलियों में पानी भरने से लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हुई। वहीं घर में पानी भरने के कारण वार्ड नम्बर 6 नहर के पास स्थिति गीता अहिरवार का कच्चा मकान गिर गया। जिसमें घर ग्रहस्थी का सामान दब गया। वहीं ऊर्जा कालोनी में स्थित असरफ खान का मकान गिर गया। घरों में पानी भरने से रहवासी परेशान रहे।
नवरात्रि की तैयारियां हुईं प्रभावित:
जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था न होने और लगातार बरसात से शासकीय कार्यालय परिसरों में पानी भर गया। वहीं नवरात्रि पर्व की तैयारियां भी प्रभावित हो गईं। बारिश के कारण जहां श्रद्घालु पंडाल तैयार नहीं कर पाए। वहीं देवी प्रतिमाओं को भीगने से बचाने के लिए पांडालों को पॉलीथीन से ढकते हुए नजर आए।
लगातार बारिश से जनजीवन बेहाल, कई गांवों में बाढ़ की स्थिति निर्मित
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