नई दिल्ली,सीबीआई ने गुरुवार को बहुचर्चित मेडिकल एडमिशन घोटाले में ओडिशा हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों को एमबीबीएस कोर्स में स्टूडेंट्स को प्रवेश देने की छूट दे दी थी। मेडिकल एडमिशन घोटाले के इस मामले में एजेंसी ने जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया है,उनमें रिटायर्ड जस्टिस इशरत मसरूर कुद्दूसी, एक बिचौलिया बिश्वनाथ अग्रवाल,प्राइवेट मेडिकल कॉलेज के मालिक बीपी यादव और पलाश यादव के अलावा हवाला ऑपरेटर राम देव सारस्वत शामिल हैं। इससे पहले इन पर आपराधिक षडयंत्र के आरोप में केस दर्ज किया गया था। इसी मामले में कुद्दूसी और चार अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली, लखनऊ और ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में 8 जगहों पर छापेमारी की थी। सीबीआई के अधिकारियों ने इस छापेमारी के दौरान कुद्दूसी के दक्षिणी दिल्ली में ग्रेटर कैलाश स्थित घर समेत सभी जगहों से कुल 1.91 करोड़ रुपये बरामद किए थे। कुद्दूसी पर आरोप है कि उन्होंने ना केवल प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को कानूनी मदद मुहैया कराई बल्कि सुप्रीम कोर्ट में भी मामले में मनमाफिक फैसला दिलाने का वादा किया था। एजेंसी को सूचना मिली थी कि प्रसाद इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज उन 46 कॉलेजों में से एक था,जिन पर सरकार ने अगले 1 या 2 सालों के लिए मेडिकल स्टूडेंट्स को प्रवेश देने पर रोक लगाई थी। घटिया सुविधाएं और आवश्यक मानदंड की पूर्ति नहीं कर पाना इसकी मुख्य वजह थी। इसके बाद कॉलेज के मालिक बीपी यादव और पलाश यादव ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसके बाद में सीबीआई को सूचना मिली कि बीपी यादव रिटायर्ड जस्टिस कुद्दूसी के संपर्क में थे।
मेडिकल एडमिशन घोटाले में रिटायर्ड जज को सीबीआई ने लिया हिरासत में
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