भोपाल,उच्च शिक्षा विभाग को 250 नए निजी पीजी कॉलेज खोलने के आवेदन मिले हैं, लेकिन इनमें यूजीसी के नियम आड़े आ रहे हैं। इस शर्त को पूरा नहीं करने वाले 150 कॉलेजों को नोटिस दिए गए थे। इनमें से 102 ने शर्त के मुताबिक शिक्षक रखने के दस्तावेज प्रस्तुत कर दिए हैं। जबकि 48 कॉलेजों के दस्तावेज नहीं आए। इसलिए उनके आवेदन रोक दिए गए हैं। कॉलेजों को बीकॉम कम्प्यूटर और अन्य नए कोर्स के लिए नेट क्वालिफाई और पीएचडीधारी शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इन कॉलेजों को एक मौका और दिया जा सकता है। हालांकि ये सरकार पर निर्भर करेगा। नए पाठ्यक्रमों (कोर्स) के लिए प्रदेश के सरकारी व निजी कॉलेजों को पात्र शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। वहीं यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) शर्तों में परिवर्तन करने को तैयार नहीं है। ऐसे में वर्तमान सत्र की मान्यता के लिए आए 250 में से 48 आवेदन रोक दिए गए हैं। जबकि पुराने कॉलेजों में शिक्षकों की व्यवस्था नहीं कर पाने पर जबलपुर व ग्वालियर विश्वविद्यालयों को नोटिस दिए गए हैं।विश्वविद्यालयों ने इनका जवाब भी दे दिया है।
यूजीसी ने दो साल पहले नेट क्वालिफाई और पीएचडीधारी शिक्षक की शर्त लगाई है। इसके बाद से पुराने कॉलेज नए कोर्स के हिसाब से शिक्षक नहीं तलाश पाए हैं। इस बीच कई बार नोटिस की औपचारिकता निभाई गई। हर बार विवि और कॉलेज परिस्थितियां बता देते हैं। इससे अफसर भी वाकिफ हैं। इसलिए कोई कार्रवाई भी नहीं कर पाते हैं। नए कोर्स तीन साल पहले शुरू हुए हैं और यूजीसी को उनमें पीएचडीधारी शिक्षक चाहिए। विभाग के अफसर बताते हैं कि संबंधित कोर्स में पीएचडी योग्यता रखने वाले पूरे प्रदेश में 10 या 15 शिक्षक ही मिलेंगे। ऐसे में हर कॉलेज को इतनी योग्यता वाले शिक्षक मिलना मुमकिन भी नहीं हैं। इस शर्त को पूरा नहीं करने में कॉलेजों की अपनी रणनीति है। जिन कॉलेजों को नेट क्वालिफाई और पीएचडीधारी शिक्षक मिल भी रहे हैं, वे उनसे पढ़वाना नहीं चाहते। सिर्फ उनकी डिग्री रखना चाहते हैं।