गुवाहाटी, भाजपा नेता बेनजीर अरफान को रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में आवाज उठाना भारी पड़ा। उन्हें पार्टी ने बाहर का दरवाजा दिखा दिया है। बेनज़ीर राज्य में भाजपा की ओर से तीन तलाक विरोधी मुहिम का प्रमुख चेहरा रही हैं। वह खुद भी तीन तलाक की शिकार रही हैं। बेनज़ीर ने अपनी अनेक फेसबुक पोस्ट में म्यांमार में रोहिंगया मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार का विरोध किया था। इसके बाद गुवाहाटी के गैर सरकारी संगठन यूनाइटेड माइनारिटी पीपुल्स फोरम द्वारा बीती 16 सितंबर को रोहिंग्या मुस्लिमों के समर्थन में आयोजित कार्यक्रम में बेनजीर को भी आमंत्रित किया गया था। हालांकि, बेनजीर ने इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया था, लेकिन इसी बिना पर पार्टी की राज्य इकाई ने उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया। इस बात से आहत बेनजीर ने कहा कि वह इस मसले को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष उठाएंगी।
गौरतलब है रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर केंद्र ने आज सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दायर किया है। इस मामले पर अब तीन अक्टूबर को सुनवाई की जाएगी। केंद्र ने कोर्ट से आग्रह किया है कि वह इस मुद्दे को केंद्र पर छोड़ दे। यह मसला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है, इस लिए इसे केंद्र सरकार पर छोड़ दिया जाना चाहिए। कोर्ट को इसमें दखल नहीं देना चाहिए, क्योंकि यह मसला भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों को प्रभावित कर सकता है। कुछ रोहिंग्या मुसलमान देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं। उन्हें अगर भारत में रहने की अनुमति दी गई तो इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।