मुंबई, खबर है कि बीते मंगलवार को दरभंगा से चल कर मुंबई जाने वाली दरभंगा एक्सप्रेस के 21 में से 19 डिब्बों के ब्रेक फेल थे, इसके बाद भी इसे 350 किलोमीटर तक दौड़ाया गया। रेलवे बोर्ड के सदस्य ने शिकायत की है कि दरभंगा से मुंबई जाने वाली इस ट्रेन डिब्बों के ब्रेक फेल थे, फिर भी उन्हें वाराणसी तक जबर्दस्ती दौडाया गया, जबकि इसकी वजह से कोई बड़ा हादसा हो सकता था। इस दौरान ट्रेन पर 2000 से अधिक यात्री सवार थे।
रेलवे बोर्ड के सदस्य आरएल गुप्ता ने ट्रेन के ब्रेक फेल होने के बारे में पूर्व मध्य रेलवे के चीफ मकैनिकल इंजिनियर को पत्र के माध्यम से जानकारी दी है। उनकी जानकारी पर कोई कार्रवाई करने की जगह रेलवे अधिकारी अपने बचाव में उतर आए हैं। बीते दिनों हुए अनेक हादसों से कोई सबक नहीं लेते हुए मुंबई जा रही दरभंगा एक्सप्रेस के ब्रेक ठीक ढंग से काम नहीं करने के बावजूद किसी अधिकारी ने उसकी चिंता करने की जरूरत नहीं समझी। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने ट्रेन में इस बड़ी सुरक्षा चूक के बारे में संबंधित अधिकारियों को जानकारी दी, लेकिन रेलवे अधिकारियों ने इस पर गौर नहीं किया। रेलवे बोर्ड से सदस्य गुप्ता ने बीती 13 सितंबर को हाजीपुर में पूर्व मध्य रेलवे के चीफ मकैनिकल इंजिनियर को ट्रेन की इस गड़बड़ी की जानकारी दी। यह बेहद गंभीर मामला था, जिसकी वजह से बड़ा हादसा हो सकता था।
जब इस बारे में उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार से बात की गई, तो उन्होंने इसकी जानकारी होने से इनकार किया। मेरी जानकारी के अनुसार, इस गड़बड़ी का पता तब चला होगा जब ट्रेन दरभंगा से रवाना हो चुकी होगी। जैसे ही इसकी जानकारी हुई, सोनपुर स्टेशन पर तकनीकी विशेषज्ञ ने ट्रेन की जांच की। जांच में सब कुछ ठीक-ठाक पाया गया। ट्रेन में कोई गड़बड़ी नहीं है, यह सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों ने ट्रेन में बैठकर छपरा तक की यात्रा की। एक्सपर्ट ने पाया कि ब्रेक में पावर थोड़ा कम है, लिहाजा छपरा स्टेशन पर पूरी ट्रेन की दोबारा जांच की गई