सिवनी, मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में 400 साल पुराना पेड़ मिला है। गोरख इमली नाम का यह पेड़ चर्चा का विषय बना हुआ है। वैज्ञानिक भाषा में इसे बेओबॉब कहा जाता है। जिले के कुरई रेंज के रूखड़-सकाटा के जंगल में गोरखपुर वन जांच चौकी के पास मिले इस पेड़ के तने की मोटाई 3.83 मीटर है। पेड़ के तने की मोटाई और पत्तियों के आकार से जांच की तो यह दक्षिण अफ्रीका में पाया जाने वाला बेओबॉब का पेड़ निकला। बेओबॉब को इंग्लिश में अदानसोनिया डिजीटाटा कहा जाता है, जबकि भारत में लोग इसे गोरख इमली समेत अन्य नामों से जानते हैं। इस पेड़ से भू-जल स्तर भी बढ़ता है। वन विभाग इस पेड़ की खोज से उत्साहित है। सिवनी के सीसीएफ चरणजीत सिंह मान ने बताया कि तने की मोटाई से पेड़ की उम्र का अंदाजा लगाया जा सकता है। हर सौ साल में पेड़ के तने की मोटाई करीब एक मीटर बढ़ जाती है। गोरख इमली के पेड़ की उम्र 1500 साल होती है। इसका तना 21 मीटर तक फैल जाता है। सिवनी में ये पेड़ कैसे आया, ये पता नहीं चल सका है। पानी संग्रहण की विशेष क्षमता होने के कारण ये रेगिस्तान और सूखे इलाकों में भी अपना अस्तित्व बनाए रखता है। उम्र बढऩे के साथ पेड़ का तना अंदर से खोखला होता जाता है, जिसमें बारिश का हजारों लीटर पानी संग्रहित हो जाता है।
औषधीय गुणों से भरपूर है पेड़
गोरख इमली की पत्तियां हाथ की पांच अंगुलियों की तरह होती हैं। इनमें औषधीय गुण होते हैं जो जायका भी बढ़ाती हैं। इनका मसाले की तरह इस्तेमाल किया जाता है। पेड़ में सूखी लौकी के आकार के फल लगते हैं। फल के अंदर गूदा खट्टा होता है, जो इमली की तरह खट्टा होता है। गूदे में औषधीय गुण भी बताए जाते हैं।