राज्यसभा सचिवालय ने शरद यादव, अली अनवर से मांगा स्पष्टीकरण

नई दिल्ली,राज्यसभा सचिवालय ने मंगलवार को जदयू के असंतुष्ट नेता शरद यादव एवं अली अनवर अंसारी से उनकी पाटी की इस याचिका पर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है कि उनकी ‘पार्टी विरोधी’ गतिविधियों के लिए उन्हें सदन की सदस्यता से अयोग्य करार दिया जाए। जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार द्वारा भाजपा से हाथ मिलाये जाने के बाद शरद द्वारा पटना में विपक्ष की रैली में भाग लेने के बाद जदयू ने राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से उन्हें एवं अंसारी को अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया था। शरद के साथ अंसारी ने भी राजद की रैली में हिस्सा लिया था।
जदयू के महासचिव संजय झा ने कहा कि पूर्व में भी ऐसा चलन रहा है कि राज्यसभा के सदस्य को विपक्ष के कार्यक्रम में भाग लेने के कारण अयोग्य घोषित किया। उन्होंने भाजपा सदस्य जयप्रसाद निषाद का उदाहरण दिया जो राजद की तरफ चले गये थे। उन्होंने कहा कि ‘हमने दोनों नेताओं की पार्टी विरोधी गतिविधियों के बारे में दस्तावेज एवं अन्य साक्ष्य हैं। उन्होंने पार्टी नेतृत्व के निर्देशों का उल्लंघन किया और चुनाव आयोग जाकर पार्टी का चुनाव चिन्ह मांगना भी एक पार्टी विरोधी गतिविधि है। शरद को पहले उच्च सदन में पार्टी नेता के पद से हटाया था।
उन्होंने लालू प्रसाद नीत राजद की पटना रैली में भाग लिया, जिसके बाद जदयू ने उन्हें अयोग्य घोषित करने की याचिका दी। यादव ने कहा कि वह गठबंधन में बने हुए हैं। इनमें राजद और कांग्रेस शामिल है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश पर भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करने के पार्टी के संकल्प के खिलाफ जाने का आरोप लगाया। वास्तविक जदयू होने का दावा करते हुए उनके गुट ने चुनाव आयोग से सम्पर्क कर पार्टी का चुनाव चिन्ह मांगा। उन्होंने दावा किया कि वास्तविक जदयू उनके साथ है तथा नीतीश के साथ जो है वह ‘सरकारी जदयू’ है। राज्यसभा में शरद की जगह आरसीपी सिंह को पार्टी नेता बनाया है। अंसारी पर तंज कसते हुए झा ने कहा कि उन्हें राज्यसभा में जदयू के टिकट पर भाजपा विधायकों के सहयोग से चुना था।

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