भोपाल,विदिशा कलेक्टर ऑफिस में सल्फास खाने वाले किसान रमेश दांगी ने भोपाल के अस्पताल में इलाज के दौरान ही दम तोड़ दिया। इससे पहले उसने आरोप लगाया था कि वह अपनी जमीन बचाने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर लगा-लगा कर परेशान हो चुका है, लेकिन उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। इस कारण वह जहर खाकर आत्महत्या करने को मजबूर है। उसने विदिशा कलेक्ट्रेट में आकर जान देने का फैसला किया और सल्फास खा ली, जिससे उसकी तबीयत बहुत बिगड़ गई और उसे भोपाल रिफर कर दिया गया। यहां इलाज के दौरान सोमवार को उसकी मौत हो गई। यहां उसकी मौत के बाद प्रशासन ने बैरसिया के रास्ते उसके शव को पैतृक गांव पुरेनिया भेज दिया, जबकि उक्त किसान के शव आने का इंतजार किसान की पत्नी ममता और बेटा लक्ष्मण विदिशा में कर रहे थे। शव गांव पहुंचने की सूचना पर रामलीला चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया गया इस पर एसडीएम रविशंकर राय वहां पहुंचे और उन्होंने समझाने की कोशिश की। इसी बीच उनके पैरों पर गिर कर मृतक किसान की पत्नी ने इंसाफ की गुहार लगाई। इंसाफ की मांग कर रही ममता ने भी चेतावनी दी है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वो भी जान दे देंगे। इस प्रकार पूरा मामला प्रशासनिक अमले की असंवेदनशीलता को उजागर करता हुआ प्रतीत हुआ और देखने वालों की आंखों तक में आंसू आ गए। वहीं कांग्रेस नेताओं ने मृतक किसान के परिजनों को 25 लाख रुपए का मुआवजा और बेटे को नौकरी देने की मांग की है।