रायपुर,केबीसी यानी कौन बनेगा करोड़पति शो में पहुंचने और अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठने की इच्छा कौन नहीं रखता। इस कोशिश में मुंगेली में तैनात दिव्यांग डिप्टी कलेक्टर अनुराधा अग्रवाल सफल रहीं और उन्होंने 15 लाख रुपए भी जीते, लेकिन यह जानकार अधिकांश लोग हैरान रह गए कि शासन ने इसके लिए उन्हें अनुमति ही नहीं दी थी। गौरतलब है कि केबीसी का यह एपिसोड 20 सितंबर को प्रसारित होने वाला है। अनुराधा अग्रवाल को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी वह पत्र प्रकाश में आया है, जिसमें उन्हें केबीसी में भाग लेने की अनुमति नहीं देने की बात लिखी है। इस पर डिप्टी कलेक्टर अनुराधा ने बताया है कि उन्होंने केबीसी के लिए कलेक्टर और संभागायुक्त के जरिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी। अनुमति संबंधी पत्र समय पर नहीं मिला अत: विभाग कलेक्टर से छुट्टी लेकर शो में शामिल हुई।
सरकारी फैसले की हो रही आलोचना
यहां बताया गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने बिना कोई आधार बताए डिप्टी कलेक्टर अनुराधा के आवेदन को अमान्य घोषित कर दिया। यह बात जैसे ही सोशल मीडिया पर आई लोगों ने सरकारी फैसले की आलोचना करना शुरु कर दी। आलोचना करने वालों में कुछ राजनीतिक चेहरे भी शामिल हो गए हैं। इनमें विधायक अमित जोगी पहला नाम है जिन्होंने इसे नारी शक्ति का अपमान निरुपित किया है और अपने फेसबुक पेज पर सरकारी फैसले की कड़ी आलोचना भी की है। जानकारी के मुताबिक अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में केबीसी में शामिल होने के लिए अनुराधा अग्रवाल को पत्र मिला था। बताया जाता है कि अनुराधा ने केबीसी में जाने का फैसला अपने भाई के इलाज कराने के लिए लिया था और उन्हें इसमें कामयाबी भी मिल गई, क्योंकि बताया जाता है कि उन्होंने केबीसी से 15 लाख रुपए की राशि जीती है।