नई दिल्ली, देशभर में लगातार बढ़ते कथित गौरक्षकों के तांडव पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया हैं कि हर जिले में सीनियर पुलिस ऑफिसर तैनात करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हर राज्य को प्रत्येक जिले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा है, ताकि नोडल अधिकारी कथित गोरक्षकों की हिंसा के खिलाफ कार्रवाई कर सके, शीर्ष अदालत ने राज्यों को एक सप्ताह में अपना टास्क फोर्स बनाने के लिए कहा है, जिसमें वरिष्ठ पुलिसकर्मियों को नोडल अधिकारी के रूप में रखा जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों से कहा है कि वे गाय की रक्षा करने के नाम पर कानून हाथ लेने वाले समूहों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए। केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाले एएसजी तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि कानून किसी भी प्रकार की अनियंत्रित घटनाओं को रोकने के लिए है। जवाब में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा ने कहा हम जानते हैं कि कानून हैं, लेकिन क्या कार्रवाई की गई है? आप नियोजित कार्रवाई कर सकते हैं ताकि हिंसा को बढ़ावा नहीं मिले।
गौरक्षा के नाम पर बने संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर 7 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और छह राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला ने राजस्थान के अलवर इलाके में हुई एक घटना का हवाला देते हुए गौरक्षा के नाम पर दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने की मांग की थी। 21 जुलाई को हुई अंतिम सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को किसी भी तरह की हिंसा की रक्षा नहीं करने के लिए कहा था और साथ ही गाय सुरक्षा की आड़ में हिंसक घटनाओं पर प्रतिक्रिया मांगी थी।