भारत और म्यामांर के बीच सहयोग से ही दक्षिण एशिया में शांति संभव-मोदी

नाय पी ताउ,चीन दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी का म्यांमार दौरा शुरू हो गया है। मोदी मंगलवार को म्यांमार पहुंचे, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। उन्हें इस दौरान ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ भी दिया गया। बुधवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की से मुलाकात की। मोदी ने कहा भारत और म्यामांर के बीच द्विपक्षीय सहयोग, दक्षिण एशिया में शांति के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा दोनों देश प्रतिरक्षा, निवेश, बुनियादी ढ़ांचा विकास और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में मिल कर काम कर सकते हैं।
म्यांमार की यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रपति हतिन क्याव से मुलाकात की। इस दौरान दोनों पड़ोसी देशों के बीच ‘ऐतिहासिक संबंधों’ को और मजबूत करने के बारे में विस्तार से बातचीत हुई। मोदी ने म्यामार के राष्ट्रपति से अपनी मुलाकात को ‘शानदार’ बताया। मोदी ने कहा भारत और म्यामांर के बीच प्रतिरक्षा, आतंकवाद से संघर्ष, व्यापार, निवेश, बुनियादी ढांचा विकास, ऊर्जा और संस्कृति के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री ने मुलाकात की कुछ तस्वीरें ट्वीट कर कहा, ‘राष्ट्रपति यू हतिन क्याव के साथ मुलाकात शानदार रही।’’ उन्होंने म्यामांर के राष्ट्रपति को सालवीन नदी (जो तिब्बत के पठार से निकल कर अंडमान सागर तक बहती है) की धारा का 1841 के नक्शे का एक नया रूप और बोधि वृक्ष की एक प्रतिकृति भी सौंपी। मोदी चीन में ब्रिक्स देशों के तीन दिवसीय सम्मेलन में भाग लेने के बाद यात्रा के अंतिम पड़ाव के रूप में म्यामांर पहुंचे हैं।
म्यामांर के राखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों के साथ जातीय हिंसा की घटनाओं में तेजी आने के बीच प्रधानमंत्री की यह यात्रा हो रही है। रोहिंग्या प्रवासियों की लगातार बढ़ती संख्या को लेकर भारत भी चिंतित है। समझा जाता है कि करीब 40 हजार रोहिंग्या भारत में अवैध रूप से रह रहे हैं। पीएम मोदी की यह दूसरी म्यामांर यात्रा है। उन्होंने सन 2014 में आसियान भारत सम्मेलन में शरीक होने के लिए म्यामांर की यात्रा की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *