चंडीगढ़, बाबा के जेल में जाने के बाद अब बाबा के अवैध धंधों का ठिकाना उसका डेरा अब पुलिस और प्रशासन के निशाने पर है। वहीं बाबा के जाने के बाद से डेरे की स्थितियों को लेकर हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। नए-नए खुलासों को लेकर भले ही प्रदेश की आम जनता में उत्सुकता हो लेकिन सरकार बिना हाईकोर्ट के आदेशों के कोई कदम आगे नहीं बढ़ाएगी। इस बात के संकेत खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ओर से दिए जा चुके हैं। सूत्रों की माने तो अंदरूनी तौर से सरकार डेरे में सर्च करने से पीछे हटना चाहती है। सरकार का एक वर्ग इस उलझन में है कि सरकार बेवजह क्यों मामले को तूल दें। सरकार का काम कानून-व्यवस्था कायम करने के साथ ही डेरा प्रमुख को कोर्ट तक पेश करना था जिसमें वह कामयाब हो गई। लिहाजा अब उसे हाईकोर्ट के निर्देशों का इंतजार है। हालांकि इस मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिस पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है।
वहीं डेरा सच्चा सौदा में तैयार की गई कुर्बानी गैंग की तह तक पहुंचना भी सरकार के लिए बेहद जरूरी है।कुर्बानी गैंग के आधा दर्जन सदस्यों को अंबाला पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। अंबाला रेंज के एडीजीपी डा. आरसी मिश्रा ने गैंग के सदस्यों के बयानों पर बताया था कि उक्त लोगों ने कुर्बानी गैंग का फार्म भरा था और वह डेरा प्रमुख के लिए किसी भी तरह की कुर्बानी दे सकते थे। बताया गया कि हर जिले में कुर्बानी गैंग के 10 से 15 युवक तैयार किए गए थे।
उल्लेखनीय हैं कि साध्वी यौन शोषण केस में सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी ठहराए जाने से पहले कानून व्यवस्था बिगडऩे की आशंका को लेकर दायर की गई जनहित याचिका में हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में एक अर्जी दायर की है। अर्जी में मांग की गई है कि डेरा सिरसा की सर्च में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए इलाका मैजिस्ट्रेट की देखरेख में यह कार्रवाई हो।